एक सरकारी दस्तावेज के अनुसार, भारतीय प्रतिस्पर्धा निरोधक जांचकर्ताओं ने दिसंबर में परनो रिका के कार्यालय पर छापा मारा था, क्योंकि उन्हें पता चला कि फ्रांसीसी शराब निर्माता कंपनी ने अपने व्हिस्की ब्रांड को बढ़ावा देने और प्रतिस्पर्धी की अनदेखी करने के लिए एक राज्य के खुदरा विक्रेताओं के साथ मिलीभगत की है।
हाल के वर्षों में शराब क्षेत्र में सबसे बड़ी कार्रवाई के तहत, दिसंबर में भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के अधिकारियों ने तेलंगाना राज्य में परनो के कार्यालय पर छापा मारा था। भारतीय प्रतिस्पर्धी रेडिको खेतान द्वारा 2022 में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद इसे छापेमारी को बढ़ावा मिला। रेडिको ने परनो पर रेडिको व्हिस्की ब्रांड का स्टॉक न रखने के लिए खुदरा विक्रेताओं के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाया गया था।
यह जांच और छापेमारी वैश्विक रूप से उसके सबसे बड़े बाजार भारत में परनो के लिए नई नियामकीय और कानूनी चुनौती है। परनो कथित रूप से आयात का कम मूल्यांकन करने के लिए भारत से 25 करोड़ डॉलर की कर मांग का विरोध कर रही है तथा नई दिल्ली शहर की शराब नीति के उल्लंघन की जांच का भी सामना कर रहा है।
शिवास रीगल जैसे ब्रांडों की निर्माता परनो ने रॉयटर्स को एक बयान में बताया कि वह भारतीय कानूनों का पालन करती है और उसे प्रतिस्पर्धा विरोधी जांच से संबंधित किसी भी सरकारी दस्तावेज के बारे में जानकारी नहीं है। बयान में कहा गया है, ‘हमें विश्वास है कि मौजूदा जांच प्रक्रिया में हम अनुपालन पर अमल करने में सफल रहेंगे।’