प्रमुख इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनियां इस बात को लेकर बंटी हुई हैं कि सरकार द्वारा हाल ही में घोषित की गई प्रत्येक स्कूटर पर फेम-2 सब्सिडी में एक-तिहाई की कटौती के कारण बिक्री किस हद तक प्रभावित होगी। हालांकि कई कंपनियां स्वीकार कर रही हैं कि इस फैसले से उन्हें अपनी योजनाओं में बदलाव करने और अगले 12 महीनों में लागत में कटौती करने तथा अप्रैल 2024 से बिना सब्सिडी वाले माहौल के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी।
इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के संस्थापक भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) का कहना है कि सब्सिडी में इस गिरावट का बिक्री पर असर कुछ महीनों के लिए ही पड़ेगा, जिसके बाद इसमें फिर से इजाफा होने लगेगा।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमें एक या दो महीने अस्थायी दिक्कत नजर आ सकती है, लेकिन बाद में तेल-गैस इंजन वाले वाहनों की जगह इलेक्ट्रिक वाहनों की पैठ में तेजी ही आएगी और बिक्री वृद्धि पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि उपभोक्ता अब इलेक्ट्रिक की दिशा में जाना चाहते हैं।
इससे अलग विचार व्यक्त करते हुए हीरो इलेक्ट्रिक ( Hero Electric) के अध्यक्ष सोहिंदर सिंह गिल (Sohinder Singh Gill) कहते हैं कि इससे निश्चित रूप से बिक्री पर असर पड़ेगा और ऐसे कई लोग, जो कोई इलेक्ट्रिक वाहन खरीदना चाहते थे, उन पर अपना फैसला टालने तथा तेल-गैस इंजन वाले वाहनों के साथ ही रहने का दबाव बनेगा, जिससे इसकी दिशा में बढ़ने की रफ्तार मंद पड़ जाएगी। यह उद्योग के लिए अच्छा नहीं है।
हालांकि प्रीमियम इलेक्ट्रिक स्कूटर खंड की ज्यादातर कंपनियों का कहना है कि उन्हें दामों में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करनी होगी, भले ही वे लागत का कुछ हिस्सा वहन कर लें।
एक अग्रणी इलेक्ट्रिक स्कूटर स्टार्टअप के मुख्य कार्याधिकारी कहते हैं कि सब्सिडी में कटौती के कारण प्रति स्कूटर 30,000 रुपये से लेकर 40,000 रुपये के बीच का नुकसान हुआ है और मुझे नहीं लगता कि कोई भी कंपनी पूरी लागत वहन करने में सक्षम होगी, जब तक कि उसके पास खर्च करने को बड़ी नकदी न हो।