तेल विपणन कंपनियों (OMC) ने 1 नवंबर से शुरू हो रहे 2023-24 आपूर्ति वर्ष में सभी स्रोतों से 8.23 अरब लीटर एथनॉल की आपूर्ति के लिए निविदा जारी की है, जो 15 प्रतिशत एथनॉल मिलाने के जरूरी है।
बोली दस्तावेज कुछ दिन पहले जारी हुए और बोली की वैधता 31 जुलाई, 2024 तक के लिए है। आधिकारिक दस्तावेज में कहा गया है, ‘विभिन्न स्रोतों जैसे गन्ने के रस, चीनी, चीनी के शीरे/बी हैवी मोलैसिस/सी हैवी मोलैसिस, खराब हो गए अनाज, मक्के, एफसीआई से मिले अतिरिक्त चावल से उत्पादित एथनॉल और उनकी मात्रा का बोली फॉर्म में दी गई है। बोली लगाने वाले को निर्धारित अवधि में निर्धारित कुल मात्रा की आपूर्ति करनी होगी।’
2022-23 में ओएमसी ने 6.51 लाख लीटर एथनॉल आपूर्ति के लिए निविदा मांगी थी, जिसमें से जुलाई के अंत तक करीब 3.51 अरब लीटर की आपूर्ति हुई है। इसमें से करीब 82 प्रतिशत गन्ने से जुड़े एथनॉल व शेष अनाज से बने एथनॉल की आपूर्ति हुई।
सूत्रों ने कहा कि 2022-23 के दौरान 12 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य था, जबकि कुछ सप्ताह पहले तक 11.76 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। आधिकारिक योजना के मुताबिक भारत ने 2023-23 आपूर्ति वर्ष में 15 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है। 2024-25 तक 18 प्रतिशत और 2025-26 आपूर्ति वर्ष तक 20 प्रतिशत एथनॉल मिलाने की योजना है।
ट्रूअल्ट बायोएनर्जी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक विजय निरानी ने कहा, ‘2025 तक एथनॉल उद्योग 500 प्रतिशत बढ़ेगा क्योंकि हम 20 प्रतिशत मिश्रण के स्तर की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में मांग बढ़कर 10.16 अरब लीटर हो जाएगी। इससे यह उद्योग 9,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।’
उद्योग और व्यापार से जुड़े सूत्रों ने हाल में कहा, ‘केंद्र सरकार गन्ने के शीरे से बनने वाले एथनॉल की कीमत 2023-24 सीजन के लिए1 से 3 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है, जैसा कि पिछले कुछ साल से होता आ रहा है।’इसकी अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।