ओला इलेक्ट्रिक ने निवेश के नए चरण में 30 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। दोपहिया इलेक्ट्रिक बनाने वाली इस कंपनी का मूल्यांकन इस निवेश के बाद बढ़कर 6 अरब डॉलर हो सकता है। निवेश सौदे की कागजी कार्यवाही कुछ हफ्ते में पूरी हो जाएगी। इससे पहले जनवरी में कंपनी ने 5 अरब डॉलर के मूल्यांकन पर 20 करोड़ डॉलर जुटाए थे।
कंपनी ने यह रकम एक अग्रणी सॉवरिन फंड कंपनी की अगुआई वाले निवेशकों से हासिल की है और अन्य निवेशकों की प्रतिक्रिया भी काफी उत्साहजनक रही। ओला इलेक्ट्रिक में सबसे पहले 25 करोड़ डॉलर का निवेश करने वाले सॉफ्टबैंक ने इस चरण में भागीदारी नहीं की। ओला के प्रवक्ता ने पूंजी जुटाए जाने पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।
पिछली बार ओला इलेक्ट्रिक ने टेकने प्राइवेट वेंचर्स (Tekne Private Ventures), अल्पाइन ऑपर्च्युनिटी फंड (Alpine opportunities Fund), इडलवाइस (Edelweiss) आदि निवेशकों से 20 करोड़ डॉलर हासिल किए थे। आठ चरणों में कंपनी अभी तक 86.6 करोड़ डॉलर का निवेश प्राप्त कर चुकी है।
नए निवेश को कंपनी अपने दोपहिया वाहनों की उत्पादन क्षमता 5 लाख से बढ़ाकर 20 लाख सालाना करने पर लगाएगी। साथ ही वह उन्नत सेल रसायन बैटरी संयंत्र लगाएगी, जिसके लिए वह पहले ही उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI) के तहत पात्रता हासिल कर चुकी है। इसके अलावा कंपनी 2024 में इलेक्ट्रिक कार संयंत्र लगाने पर भी काम कर रही है।
कंपनी ने सालाना 1 करोड़ दोपहिया वाहन (जो देश में सालाना बिकने वाली दोपहिया वाहनों का करीब 50 फीसदी है) तैयार करने की योजना बनाई है। अपने वाहनों की जरूरत पूरी करने के लिए वह बैटरी उत्पादन क्षमता भी 20 गीगावाट घंटा से बढ़ाकर 100 गीगावाट घंटा करेगी।
ओला की मौजूदा आय दर 1.2 अरब डॉलर है और 18 महीने में ही इसके इलेक्ट्रिक दोपहिया कारोबार का एबिटा सकारात्मक हो गया है। कंपनी देश में इलेक्ट्रिक स्कूटर की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। वाहन पोर्टल पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक इस साल अप्रैल में ओला इलेक्ट्रिक के 21,560 दोपहियों का पंजीकरण (बिक्री इससे कहीं ज्यादा हुई) हुआ, जो कंपनी की शुरुआत से अभी तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। इसके साथ ही कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 34 फीसदी हो गई है। इस दौरान एथर, एम्पियर, ओकिनावा, हीरो इलेक्ट्रिक और टीवीएस जैसी प्रतिस्पर्द्धी कंपनियों की बिक्री घटी है।
ओला इलेक्ट्रिक ने वाहन बिक्री की महत्त्वाकांक्षी योजना बनाई है और साल के अंत तक वह 10 लाख वाहनों का आंकड़ा पार करना चाहती है। इस समय इसके 3 लाख वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। कंपनी इस साल की दूसरी छमाही में इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल भी पेश कर सकती है।
कंपनी अपने किफायती इलेक्ट्रिक स्कूटर पर भी काम कर रही है जो जुलाई में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। इसकी कीमत 84,999 रुपये से कम होगी। ओला को इससे भी बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।
ओला इलेक्ट्रिक को अन्य इलेक्ट्रिक दोपहिया विनिर्माताओं की तरह चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इनमें से सबसे प्रमुख चुनौती फेम 2 के तहत मिलने वाली सब्सिडी में कटौती है। सरकार ने फेम 2 के तहत स्कूटर पर मिलने वाली सब्सिडी घटाकर एक तिहाई कर दी है। सब्सिडी नहीं मिलने से प्रीमियम स्कूटरों पर कंपनियों को 40,000 से 50,000 रुपये तक चोट लग सकती है और इतनी चोट वे खुद सहने को तैयार नहीं होंगी। ऐसे में दाम कम रखने के तमाम उपायों के बाद भी उन्हें कीमतों में 10 से 15 फीसदी तक इजाफा करना पड़ सकता है।