सोमवार को अदाणी समूह के शेयरों में तेजी आई। 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से समूह के शेयर में एक दिन की सबसे बड़ी तेजी दर्ज की गई है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित की गई जांच समिति को अमेरिकी शॉर्ट सेलर द्वारा लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है। यही वजह है कि पिछले दो कारोबारी दिनों में इस समूह के शेयरों में तेजी का सिलसिला बरकरार रहा।
अदाणी समूह की 10 कंपनियों के शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 82,000 करोड़ रुपये तक बढ़ गया।
अदाणी एंटरप्राइजेज में 18.8 प्रतिशत, अदाणी विल्मर में 10 प्रतिशत और अदाणी पोर्ट्स ऐंड सेज में 6 प्रतिशत तक की तेजी आई। समूह के अन्य सात शेयरों में 5-5 प्रतिशत तक की तेजी दर्ज की गई।
विश्लेषकों का कहना है कि समिति के निष्कर्ष से अदाणी समूह के शेयरों में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है। उनका कहना है कि रिपोर्ट समूह के लिए बड़े सकारात्मक कदम की शुरुआत है और इससे गौतम अदाणी समूह को अपनी प्रस्तावित 21,000 करोड़ की कोष उगाही योजना पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
सोमवार को समूह का बाजार पूंजीकरण फिर से 10 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े पर पहुंच गया। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद हुई बिकवाली के दौर में अदाणी समूह का बाजार पूंजीकरण 27 फरवरी तक घटकर 6.82 लाख करोड़ रुपये रह गया था। वहीं तेजी के संदर्भ में, गुजरात स्थित इस समूह का बाजार पूंजीकरण एक समय करीब 23 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। 10.2 लाख करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर पर, यह अभी भी अपने सर्वाधिक ऊंचे स्तरों से 56 प्रतिशत नीचे है, लेकिन इस साल के निचले स्तर से 50 प्रतिशत ऊपर है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यू आर भट ने कहा, ‘अस्थायी तौर पर क्लीन चिट मिलने से बाजार उत्साहित दिख रहे हैं।’
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘जांच समिति के सदस्यों की ईमानदारी से निवेशकों में गिरावट का शिकार हुए ये शेयर खरीदने का भरोसा बढ़ा है। कुछ शॉर्ट कवरिंग का भी तेजी में योगदान होगा। हालांकि मूल्यांकन के नजरिये से, अदाणी के शेयर अब सस्ते नहीं हैं।’
समिति द्वारा शुक्रवार को सार्वजनिक की गई रिपोर्ट का अदाणी प्रमोटरों में किसी तरह का नकारात्मक संकेत नहीं गया है। समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि बाजार नियामक सेबी की तरफ से अदाणी समूह के मामलों की जांच में कोई नियामकीय खामी नहीं पाई गई थी।
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हालांकि सेबी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता और रिलेटेड पार्टी ट्रांजेक्शन (RPT) मानकों के कथित उल्लंघन की जांच अभी भी कर रहा है। सर्वोच्च न्यायालय ने जांच पूरी करने के लिए सेबी को 14 अगस्त तक का समय दिया है।
भट ने कहा, ‘अभी शायद पूरी तरह क्लीन चिट नहीं मिली है। सीमेंट और बंदरगाह व्यवसायों के शेयर का उचित मूल्यांकन दिख रहा है। वहीं ऊंचे मूल्यांकन को देखते हुए अन्य शेयरों में खरीदारी ज्यादा आकर्षक नहीं लग रही है।’
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इस महीने के शुरू में अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी ट्रांसमिशन ने घोषणा की थी कि वे 12,500 करोड़ रुपये और 8,500 करोड़ रुपये की कोष उगाही करेंगी और मुख्य तौर पर यह पैसा पात्र संस्थागत नियोजन (QIP) के जरिये जुटाया जाएगा।
जनवरी में समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च विवाद तूल पकड़ने की वजह से अपना 20,000 करोड़ रुपये का FPO टाल दिया था।