सार्वजनिक क्षेत्र की बिजली कंपनी NTPC ने वाराणसी में अपनी तरह की पहली वाणिज्यिक हरित कोयला (टॉरेफाइड चारकोल) परियोजना शुरू की है। कंपनी ने गुरुवार को एक बयान में इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इस परियोजना के तहत नगरपालिका के कचरे से हरित कोयला बनाया जायेगा।
NTPC ने नगर निगम के कचरे से हरित कोयला बनाने की योजना लगभग तीन साल पहले बनाई थी। ‘टॉरेफाइड चारकोल’ प्राकृतिक कोयले के समान होता है और बिजली उत्पादन के लिए तापीय बिजलीघरों में इसका ईंधन के साथ सफलतापूर्वक तरीके से मिश्रण किया जाता है। यह पर्यावरण अनुकूल प्रक्रिया होती है जिसमें कचरे को जलाया नहीं जाता बल्कि रिएक्टर के भीतर प्रसंस्कृत किया जाता है।
बयान के अनुसार यह परियोजना NTPC की इकाई एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (NVVNL) ने इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के आधार पर मैकोबर बीके को दी थी। हाल ही में, वाराणसी के रमना में हरित कोयला परियोजना संयंत्र में 200 टन प्रति दिन (टीपीडी) क्षमता के पहले रिएक्टर मॉड्यूल को स्थापित और चालू किया गया।
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सभी तीन मॉड्यूलों की स्थापना के बाद इस संयंत्र की कुल अपशिष्ट प्रबंधन क्षमता प्रतिदिन 600 टन प्रतिदिन होगी। कंपनी ने कहा कि NTPC को इस इकाई से 200 टन अपशिष्ट से 70 टन हरित कोयला मिला। सफल प्रयोग के बाद, अपशिष्ट से हरित कोयला बनाने के और संयंत्र लगाये जाएंगे।