नैशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) स्वदेशी भुगतान ऐप्लिकेशन भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) को एक सहायक कंपनी के तौर पर अलग करने की तैयारी में है। भीम ऐप देश में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की योजना बना रहा है और इसलिए यह पहल की जा रही है।
सूत्रों ने बताया कि एनपीसीआई ने ललिता नटराज को नई सहायक कंपनी की मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है। नटराज इससे पहले आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक के साथ काम कर चुकी हैं।
इस घटनाक्रम से अवगत एक सूत्र ने कहा, ‘भीम एक अलग कंपनी होगी। इसे प्रमुख भुगतान ऐप्लिकेशन के रूप में विकसित करने पर अधिक ध्यान दिया जाएगा। सरकार और आरबीआई दोनों इस ऐप के विकास को रफ्तार देने के इच्छुक हैं।’ एनपीसीआई ने इस बाबत जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक जवाब नहीं दिया।
एनपीसीआई ब्रांड के तहत एक नई सहायक कंपनी स्थापित करने का निर्णय ऐसे समय में लिया गया है, जब यह भुगतान संगठन देश के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) बाजार में कंसंट्रेशन रिस्क यानी कुछ कंपनियों के एकाधिकार की चुनौती का सामना कर रहा है।
एक अन्य सूत्र ने अपनी पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, ‘हमारी योजना भारत के भुगतान परिवेश में दो अमेरिकी कंपनियों- गूगल और वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली फोनपे- पर अत्यधिक निर्भरता को कम करना है। अगर कोई और ऐसा नहीं कर रहा है तो एनपीसीआई क्यों न अपने इस ब्रांड को आगे बढ़ाए।’
फिलहाल फोनपे और गूगल पे भारत में कुल मिलाकर करीब 85 फीसदी यूपीआई लेनदेन को प्रॉसेस करते हैं। इससे उद्योग में केवल दो कंपनियों के वर्चस्व को लेकर चिंता बढ़ गई है। जून में फोनपे ने 6.7 अरब और गूगल पे ने 5.1 अरब यूपीआई लेनदेन को प्रॉसेस किए। इसके मुकाबले भीम ऐप ने महीने के दौरान महज 2.27 करोड़ यूपीआई लेनदेन को प्रॉसेस किया जो कुल भुगतान का महज 0.16 फीसदी है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि भीम ऐप्लिकेशन को अब नया रूप दिया जा रहा है। नई सहायक कंपनी एनपीसीआई ब्रांड के तहत अपना परिचालन जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि इस ऐप्लिकेशन के परिचालन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
हालांकि एक सूत्र ने कहा, ‘कुछ बदलाव हो सकते हैं। फिलहाल सभी टर्नओवर एनपीसीआई के भीतर दर्ज किए जाते हैं। मगर एक अलग कंपनी बनने के बाद उसका अपना बहीखाता, लागत ढांचा आदि होंगे। अपने मौजूदा अवतार में भीम ऐप एनपीसीआई ही है।’
एनपीसीआई द्वारा विकसित भीम ऐप को प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में लॉन्च किया था। इस ऐप का उपयोग सीधे तौर पर बैंक भुगतान करने और यूपीआई नेटवर्क पर मौजूद किसी भी व्यक्ति से रकम मंगाने में किया जा सकता है।
यह कोई पहला अवसर नहीं है जब एनपीसीआई ने एक नई सहायक कंपनी बनाकर अपने कारोबार को हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। साल 2021 में उसने भारत बिल पेमेंट सिस्टम (बीबीपीएस) लेनदेन को एनपीसीआई भारत बिलपे लिमिटेड (एनबीबीएल) नाम की एक नई सहायक कंपनी को हस्तांतरित कर दिया। इससे उसका स्वचालित बिल भुगतान कारोबार अलग हो गया था।
एनबीबीएल एनपीसीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। उसी साल एनपीसीआई ने पेयू और एयरटेल पेमेंट्स बैंक की पूर्व वरिष्ठ अधिकारी नूपुर चतुर्वेदी को एनबीबीएल का सीईओ नियुक्त किया था।