प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pexels
Indian Railways: मिशन रफ्तार का लक्ष्य हासिल करने के लिए रेलवे ने 2025-26 में अधिकतम रफ्तार की सीमा खत्म करने, ट्रैक के नवीकरण और पटरियों के किनारे चहारदीवारी बनाने की योजना बनाई है। मामले से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय बजट के 2 महीने बाद सभी रेलवे जोनों से परामर्श कर मंत्रालय ने ट्रैक और ट्रैक से जुड़े काम के प्रदर्शन लक्ष्यों को अंतिम रूप दे दिया है। रेलवे वित्त वर्ष 2026 में 7,900 किलोमीटर ट्रैक का नवीकरण करेगी, जिससे तेज परिचालन के लिए उन्हें तैयार किया जा सके।
इस समय 160 किलोमीटर से ज्यादा रफ्तार से चलने में सक्षम वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा रही है। वहीं सक्षम होने के बावजूद ट्रेनें अपनी रफ्तार से नहीं चल पा रही हैं। ऐसे में रेलवे ने करीब 3,700 किलोमीटर नेटवर्क को 130 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार से चलने योग्य बनाने का फैसला किया है।
वित्त वर्ष 2025 में सेक्शन के मुताबिक गति 130 किमी प्रति घंटे तक बढ़ाने का लक्ष्य 2,040 रूट किमी था और वित्त वर्ष 2024 में यह लगभग 2,400 रूट किमी था। इस हिसाब से नया लक्ष्य पिछले लक्ष्यों से करीब दोगुना है। वंदे भारत ट्रेनों की जानवरों के साथ दुर्घटना के कारण हो रही आलोचना को देखते हुए रेलवे ने जानवरों व यात्रियों की सुरक्षा के लिए पटरियों के किनारे चहारदीवारी बनाने का काम शुरू किया है।
चालू वित्त वर्ष में रेलवे ने 11,000 किलोमीटर चहारदीवारी बनाने की योजना बनाई है, जो इसके पहले साल के लक्ष्य का करीब दोगुना है। इन लक्ष्यों का अंतिम परिणाम सार्वजनिक नहीं किया गया है।
इसी तरह से मंत्रालय ने 208 स्थायी रफ्तार प्रतिबंधों (पीएसआर) को हटाने और 80 पीएसआर में ढील देने का लक्ष्य रखा है। इसकी वजह से भीड़ बढ़ती और रेल का परिचालन सुस्त होता है। पीएसआर सामान्यतया उन इलाकों में लागू होता है, जहां तेज मोड़ या क्रॉसिंग या भीड़भाड़ वाला इलाका होता है। इस मसले पर रेल मंत्रालय ने मांगी गई जानकारी पर कोई जवाब नहीं दिया।