सॉलिसिटर जनरल ने राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) को अपनी राय देते हुए कहा है कि इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) को ऑडिट के लिए कोई बाध्यकारी मानक अथवा दिशानिर्देश जारी करने का अधिकार नहीं है। इस मामले से अवगत सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों ने कहा कि आईसीएआई किसी ऑडिट फर्म के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं कर सकता। मगर वह चार्टर्ड अकाउंटेंट के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
ऑडिट और अकाउंटिंग के संबंध में कोई भी मानक जारी करने का अधिकार केवल सरकार और इस मामले में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के पास है।
सूत्र ने कहा, ‘ऑडिट के लिए बाध्यकारी मानक जारी करने का अधिकार न तो एनएफआरए के पास और न ही आईसीएआई के पास है। वे केवल सरकार को सिफारिशें कर सकते हैं। सरकार ही उन सुझावों को स्वीकार या अस्वीकार करने का अंतिम निर्णय ले सकती है।’
पिछले महीने आईसीएआई द्वारा जारी किए गए गुणवत्ता प्रबंधन मानक के संदर्भ में कानूनी राय मांगी गई थी। मगर आईसीएआई के सूत्रों ने कहा कि वे मानक गुणवत्ता प्रबंधन से संबंधित हैं न कि ऑडिट मानक से। फर्म के स्तर पर वे कामकाज को सुचारु करने और गुणवत्ता प्रबंधन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
एनएफआरए के सूत्रों ने कहा कि ये मानक सीधे तौर पर ऑडिट से संबंधित नहीं हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से वे उनमें बदलाव कर सकते हैं। मगर ऐसा केवल कंपनी मामलों के मंत्रालय द्वारा ही किया जा सकता है।
इस सप्ताह के आरंभ में हुई एनएफआरए की बोर्ड बैठक में 39 अन्य ऑडिट मानकों के साथ एसक्यूएम 1 और एसक्यूएम 2 में संशोधन को मंजूरी दी गई थी ताकि इस संबंध में अधिसूचना जारी करने के लिए कंपनी मामलों के मंत्रालय को सिफारिश की जा सके।
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऐक्ट, 1949 की धारा 2(सीए) के तहत परिभाषित अनुशासनात्मक कार्रवाई के प्रावधानों में कहा गया है कि फर्म आईसीएआई के सदस्य नहीं होते हैं और अनुशासनात्मक कार्रवाई केवल आईसीएआई के सदस्यों के खिलाफ ही शुरू की जा सकती है।
इस अधिनियम की धारा 21ए(3) और 21बी(3) में कहा गया है कि अगर कोई सदस्य पेशेवर कदाचार का दोषी पाया जाता है तो उसे फटकार लगाई जा सकती है और सदस्यों की सूची से उसका नाम हटाया जा सकता है अथवा उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है। नए एसक्यूएम में एसक्यूएम 1 मुख्य तौर पर वित्तीय नतीजों की समीक्षा अथवा ऑडिट करने अथवा अन्य एश्योरेंस या संबंधित सेवा के लिए करार करने वाली फर्मों के लिए गुणवत्ता प्रबंधन है।