संस्थापकों और उद्यम पूंजीपतियों के लिए अगले साल जेनरेटिव आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (एआई), क्लाइमेट टेक और फिनटेक प्रमुख क्षेत्र रहेंगे। भारत में वैश्विक उद्यम पूंजी फर्म एक्सेल पार्टनर्स के संस्थापक साझेदार और कर्नाटक स्टार्टअप विजन ग्रुप के चेयरपर्सन प्रशांत प्रकाश ने यह उम्मीद जताई है।
उन्होंने कहा कि हालांकि वैश्विक स्तर पर जेन एआई के निर्माण में तकरीबन 25 अरब डॉलर का निवेश किया गया है, लेकिन उस पूंजी का बड़ा हिस्सा अब तक भारत में नहीं आया है। इससे देश में स्टार्टअप के लिए बड़े अवसर खु रहे हैं।
जेनरेटिव एआई इस तरह की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस तकनीक है, जो टेक्स्ट, इमेजरी, ऑडियो और सिंथेटिक डेटा सहित विभिन्न प्रकार की सामग्री का उत्पादन कर सकती है। उम्मीद की जा रही है कि इससे दवा खोज सहित संपूर्ण बाजार और स्वास्थ्य सेवा में हलचल पैदा होगी और विभिन्न कार्यक्षेत्रों में बहुत-से सह-संबंधित अवसर पैदा होंगे।
दूसरा अवसर जलवायु प्रौद्योगिकी (क्लाइमेट टेक) है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप जलवायु चुनौतियों, जो सबसे पहले भारत को प्रभावित करेंगी, से निपटने के लिए टेक प्लेटफॉर्म निर्माण से भौतिक उत्पाद और प्लेटफॉर्म निर्माण की ओर बढ़ रही हैं।
प्रकाश ने कहा कि जब हमारी स्टार्टअप कंपनियां इन तकनीकों का निर्माण कर लेंगी, तो हम उन्हें ग्लोबल नॉर्थ में ले जा सकते हैं और शेष दुनिया के साथ काम कर सकते हैं।
मुझे लगता है कि जब भौतिक उत्पाद निर्माण की बात आती है, तो निवेशकों को नवाचार के लिए रकम का इंतजाम अधिक सुविधाजनक लग रहा है, क्योंकि कोई भी बड़ी अर्थव्यवस्था केवल डिजिटल अर्थव्यवस्था के आधार पर नहीं बनती है।
उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में विनिर्माण महत्वपूर्ण है। कई निवेशक और स्टार्टअप स्थायी विनिर्माण, उद्योग 5.0, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और ब्लॉकचेन और विनिर्माण में एआई के समायोजन की दिशा में बढ़ रह हैं और निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विनिर्माण की एक नई पीढ़ी भारत से उभरने की उम्मीद है तथा निवेशकों और संस्थापकों की इसमें काफी दिलचस्पी है।
रुचि का दूसरा बड़ा क्षेत्र फिनटेक है, जिसमें अरबों का लेनदेन शामिल हैं और यह नए अवसर खोल सकता है। भारत में साल 2026 तक एक अरब स्मार्टफोन उपयोगकर्ता होंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट युक्त फोन बिक्री बढ़ेगी।
प्रकाश ने कहा कि अरबों के लेनदेन के शीर्ष पर नियामक तकनीक बड़ा अवसर है। भूमि के रिकॉर्ड और अन्य सरकारी संपत्तियों के डिजिटलीकरण में भी स्टार्टअप के लिए अवसर हैं।