भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के चेयरमैन एम आर कुमार ने अदाणी समूह के शीर्ष प्रबंधन के साथ बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके साथ बातचीत सार्थक रही।
अदाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बीमा कंपनी पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘बैठक के नतीजों की अभी जानकारी नहीं दे सकता लेकिन उनके साथ बैठक कर हम खुश हैं।’ उन्होंने कहा कि LIC अदाणी समूह के साथ कारोबार को लेकर आश्वस्त है।
LIC ने समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश किया है। अदाणी समूह में एलआईसी का निवेश उसके कुल AUM (ऐसेट अंडर मैनेजमेंट) का 0.97 फीसदी है।
सितंबर तिमाही के अंत में एलआईसी का एयूएम 41.66 लाख करोड़ रुपये था। पिछले महीने नतीजों की घोषणा के बाद LIC के चेयरमैन ने कहाथा कि कंपनी का निवेश विभाग अदाणी के प्रबंधन से बात करेगा।
LIC पहले भी कह चुकी थी कि वह अदाणी समूह के प्रबंधन से मुलाकात करेगी और हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर स्पष्टीकरण मांगेगी।
कुमार ने कहा कि LIC तीन चीजों – तकनीक, कंपोजिट लाइसेंस और 2047 तक सभी के लिए बीमा पर ध्यान केंद्रित कर रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि वित्तीय उत्पादों को विविधीकृत करने की अभी कोई ठोस योजना नहीं है। इस बारे में केवल विचार-विमर्श किया जा रहा है और नियमन के लागू होने की प्रतीक्षा की जा रही है।
हिंडनबर्ग-अदाणी मामले के मद्देनजर बीते गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की है, जो जांच करेगी कि इस मामले में कोई नियामकीय चूक तो नहीं हुई है, जिसकी वजह से निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।