विश्व की दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी मित्सुई ओएसके लाइंस (एमओएल) अपने भारतीय बेड़े में घरेलू स्तर पर निर्मित जहाजों को शामिल करने पर विचार कर रही है। केंद्रीय बजट में समुद्र से संबंधित मामलों के सुधार घोषित होने से जापान की कंपनी एमओएल उत्साहित है। यह कंपनी भारत के शिपयार्ड को ऑर्डर देने के लिए बातचीत कर रही है।
नई दिल्ली में दक्षिण एशिया के मध्य क्षेत्र के कार्यकारी अधिकारी आनंद जयरामन ने बताया, ‘हम दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी शिपिंग कंपनी हैं। हमने भारत के लिए लक्ष्य तय किया है : भारत में दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बनना।’
कंपनी के वैश्विक स्तर पर 935 पानी के जहाज हैं और इनका वैश्विक ऊर्जा की आवाजाही में महत्त्वपूर्ण हिस्सेदारी है। भारत के बेड़े में मुख्य तौर पर कच्चे तेल और वाहन लेकर जाने वाले कैरियर हैं। जयरामन ने बताया, ‘हम भारत में अपने पानी के जहाज बनाने के लिए बातचीत कर रहे हैं – भारत निकट भविष्य में शिपबिल्डिंग (पानी के जहाज बनाने वाला) देश होगा। सबसे बड़े पानी के जहाज के मालिक होने के नाते हमारे पास भारत में जहाज होंगे।’
उन्होंने बताया कि पानी के जहाज बनाने में तीन देशों चीन, दक्षिण कोरिया और जापान का दबदबा है। कंपनी पानी के जहाज बनाने के क्षेत्र में अधिक विकल्प चाहती है। एमओएल सरकार, निजी कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड जैसे कोचिन शिपयार्ड से लेकर मध्य आकार के टैंकर बनाने वालों से बातचीत कर रही है।