मझोले आकार की आईटी सेवा कंपनियां लागत नियंत्रण संबंधी उपायों और क्लाउड एवं मोबिलिटी में ग्राहकों से बढ़ती मांग के बल पर कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रभाव को कम करने में सफल रही हैं। जून में समाप्त तिमाही के दौरान इन कंपनियों राजस्व एवं मुनाफे के मोर्चे पर देश की शीर्ष पांच आईटी सेवा कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया।
कैपिटालाइन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, नौ मिडकैप आईटी सेवा कंपनियों के राजस्व में सालाना आधार पर औसतन 8.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि शीर्ष पांच आईटी सेवा कंपनियों के राजस्व में औसतन महज 4 फीसदी की वृद्धि हुई। मिडकैप कंपनियों ने मुनाफे के मोर्चे पर भी बड़ी कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। मिडकैप कंपनियों के मुनाफे में सालाना आधार पर औसतन 1.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि शीर्ष पांच आईटी सेवा कंपनियों का प्रदर्शन लगभग स्थिर रहा। मुख्य तौर पर लागत में कमी के बल पर छोटी आईटी कंपनियां लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने में सफल रहीं। जून तिमाही के दौरान पुणे की कंपनी हेक्सावेयर टेक्नोलॉजिज के राजस्व में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
मुंबई की कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी आर श्रीकृष्ण के अनुसार, तिमाही के दौरान फ्रेशरों और बाहरी नियुक्तियों (अनुभवी लोगों की) पर रोक लगा दी गई और प्रदर्शन के आधार पर कुछ लोगों को बाहर किए जाने से कंपनी को अपनी लागत घटाने में मदद मिली। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में क्रमिक आधार पर करीब 1,200 की कमी आई। माइंडट्री का कुल खर्च भी सालाना आधार पर करीब 4.2 फीसदी घटकर 1,659.2 करोड़ ररुपये रहा गया जिसे उपठेकेदारी और यात्रा लागत में कमी से बल मिला।
परसिस्टेंट सिस्टम्स के राजस्व में सालाना आधार पर 17 फीसदी और मुनाफे में 9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। क्लाउड माइग्रेशन और मोबिलिटी सॉल्यूशंस जैसे क्षेत्रों में मांग बढऩे से कंपनी के प्रदर्शन को बल मिला। विशेषज्ञों ने कहा कि आगामी तिमाहियों में मझोली आईटी कंपनियों के प्रदर्शन में सुधार जारी रहेगा जिसे कंपनियों द्वारा हासिल बड़े सौदों से उसे बल मिलेगा।