facebookmetapixel
थाईलैंड जाने वाले सावधान! शराब पीना अब महंगा, नियम तोड़ा तो लगेगा 27,000 रुपये तक का जुर्मानाDelhi AQI Today: दिल्ली में जहरीली धुंध! AQI 400 पार, सांस लेना हुआ मुश्किल; GRAP 3 हो सकता है लागू!डिजिटल गोल्ड के झांसे से बचें! सेबी ने बताया, क्यों खतरे में है आपका पैसाकेंद्र सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाई मुहर, मोलासेस टैक्स खत्म होने से चीनी मिलों को मिलेगी राहतCDSCO का दवा कंपनियों पर लगाम: रिवाइज्ड शेड्यूल एम के तहत शुरू होंगी जांचें; अब नहीं चलेगी लापरवाहीपूर्वोत्तर की शिक्षा में ₹21 हजार करोड़ का निवेश, असम को मिली कनकलता बरुआ यूनिवर्सिटी की सौगातकेंद्र सरकार ने लागू किया डीप सी फिशिंग का नया नियम, विदेशी जहाजों पर बैन से मछुआरों की बढ़ेगी आयCorporate Action Next Week: अगले हफ्ते शेयर बाजार में स्प्लिट-बोनस-डिविडेंड की बारिश, निवेशकों की चांदीBFSI फंड्स में निवेश से हो सकता है 11% से ज्यादा रिटर्न! जानें कैसे SIP से फायदा उठाएं900% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मिंग सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते

मझोली आईटी कंपनियों को क्लाउड, लागत घटाने से दम

Last Updated- December 15, 2022 | 3:34 AM IST

मझोले आकार की आईटी सेवा कंपनियां लागत नियंत्रण संबंधी उपायों और क्लाउड एवं मोबिलिटी में ग्राहकों से बढ़ती मांग के बल पर कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रभाव को कम करने में सफल रही हैं। जून में समाप्त तिमाही के दौरान इन कंपनियों राजस्व एवं मुनाफे के मोर्चे पर देश की शीर्ष पांच आईटी सेवा कंपनियों को भी पीछे छोड़ दिया।
कैपिटालाइन से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, नौ मिडकैप आईटी सेवा कंपनियों के राजस्व में सालाना आधार पर औसतन 8.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि शीर्ष पांच आईटी सेवा कंपनियों के राजस्व में औसतन महज 4 फीसदी की वृद्धि हुई। मिडकैप कंपनियों ने मुनाफे के मोर्चे पर भी बड़ी कंपनियों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। मिडकैप कंपनियों के मुनाफे में सालाना आधार पर औसतन 1.6 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि शीर्ष पांच आईटी सेवा कंपनियों का प्रदर्शन लगभग स्थिर रहा।  मुख्य तौर पर लागत में कमी के बल पर छोटी आईटी कंपनियां लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने में सफल रहीं। जून तिमाही के दौरान पुणे की कंपनी हेक्सावेयर टेक्नोलॉजिज के राजस्व में एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई।
मुंबई की कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी आर श्रीकृष्ण के अनुसार, तिमाही के दौरान फ्रेशरों और बाहरी नियुक्तियों (अनुभवी लोगों की) पर रोक लगा दी गई और प्रदर्शन के आधार पर कुछ लोगों को बाहर किए जाने से कंपनी को अपनी लागत घटाने में मदद मिली। कंपनी के कर्मचारियों की संख्या में क्रमिक आधार पर करीब 1,200 की कमी आई। माइंडट्री का कुल खर्च भी सालाना आधार पर करीब 4.2 फीसदी घटकर 1,659.2 करोड़ ररुपये रहा गया जिसे उपठेकेदारी और यात्रा लागत में कमी से बल मिला।
परसिस्टेंट सिस्टम्स के राजस्व में सालाना आधार पर 17 फीसदी और मुनाफे में 9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। क्लाउड माइग्रेशन और मोबिलिटी सॉल्यूशंस जैसे क्षेत्रों में मांग बढऩे से कंपनी के प्रदर्शन को बल मिला। विशेषज्ञों ने कहा कि आगामी तिमाहियों में मझोली आईटी कंपनियों के प्रदर्शन में सुधार जारी रहेगा जिसे कंपनियों द्वारा हासिल बड़े सौदों से उसे बल मिलेगा।

First Published - August 10, 2020 | 12:24 AM IST

संबंधित पोस्ट