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एलआईसी के मूल्य में मामूली बढ़ोतरी

Last Updated- December 11, 2022 | 5:35 PM IST

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का अंतर्निहित मूल्य मार्च 2022 में मामूली बढ़कर 5.41 लाख करोड़ रुपये हो गया जो सितंबर 2021 में 5.39 लाख करोड़ रुपये था। इसके साथ ही उत्पाद में विविधता लाने की वजह से मार्च 2022 में नए कारोबार का मार्जिन 580 आधार अंक बढ़कर 15.1 फीसदी हो गया।
एलआईसी के अंतर्निहित मूल्य में मामूली इजाफा इसलिए हो पाया क्योंकि उसे अपने निवेश पर 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। हालांकि नए कारोबार के मार्जिन में सुधार से इस नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हुई है। आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च, 2022 को कंपनी का अंतर्निहित मूल्य 5,42,492 करोड़ रुपये था, जो 30 सितंबर, 2021 को 5,39,686 करोड़ रुपये और 31 मार्च, 2021 को 95,605 करोड़ रुपये था। पिछले साल सितंबर में लाइफ फंड को पार्टिसिपेटरी और नॉन-पार्टिसिपेटरी में बांटने से बीमाकर्ता के अंतर्निहित मूल्य में उछाल आई थी।
एलआईसी के कार्यकारी निदेशक केआर अशोक ने कहा, ‘अंतर्निहित मूल्य में बदलाव के सभी पहलू देखने चाहिए। इक्विटी और डेट में 40,000 करोड़ रुपये का मार्क-टु-मार्केट घाटा हुआ था, जिसे भी इस गणना में शामिल किया गया है।’
बीते समय में विश्लेषकों ने कहा था कि एलआईसी की बैलेंस शीट और अंतर्निहित मूल्य शेयर बाजार की चाल से काफी प्रभावित होंगे। एलआईसी के अंतर्निहित मूल्य पर मिलीमैन एडवाइजर्स की रिपोर्ट में कहा गया था कि शेयर बाजार में 10 फीसदी की गिरावट से बीमाकर्ता के अंतर्निहित मूल्य में 6.5 फीसदी की कमी आएगी।
प्रबंधन ने कहा, ‘हम उस दौर से गुजर रहे हैं, जिसमें ​इक्विटी का मूल्य घटा है और यह चिंता का सबब है। लेकिन जब तक भारत में तगड़ी वृद्धि जारी रहेगी तब तक हमारे कारोबार के मूल्य में इजाफा होता रहेगा। कंपनी समूहों का जोर कारोबार बढ़ाने पर है और वे नॉन-पार्टिसिपेटिंग कारोबार पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में स्वत: ही मुख्य कारोबार बढ़ेगा और इक्विटी में कमी आएगी।
एलआईसी बाजार में नॉन-पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी पेश करने की योजना बना रही है। एपीआई आधार पर नॉन-पार्टिसिपेटिंग का एलआईसी के पोर्टफोलियो में करीब 7 फीसदी हिस्सा है, जिसे अगले 3-4 साल में 12 से 15 फीसदी पर पहुंचाने की योजना बनाई गई है। उत्पाद रणनीति के अलावा एलआईसी बैंकों के जरिये पॉलिसी की बिक्री पर ध्यान देकर अपनी वितरण रणनीति में भी विविधता लाने पर विचार कर रही है। इस समय एलआईसी को बैंकों के जरिये पॉलिसी बेचने से करीब 3 से 3.5 फीसदी कारोबार मिलता है, जिसे वह अगले पांच साल में कम से कम 15 फीसदी करना चाहती है।

First Published - July 14, 2022 | 11:35 PM IST

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