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PhonePe डेकाकॉर्न क्लब में शामिल

Last Updated- January 19, 2023 | 10:52 PM IST
PhonePe

भुगतान और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली यूनिकॉर्न PhonePe ने 12 अरब डॉलर के मूल्यांकन (प्री-मनी वैल्यूएशन) पर प्रमुख वैश्विक वृद्धि इक्विटी फर्म – जनरल अटलांटिक से रकम जुटाने की कवायद के तहत 35 करोड़ डॉलर की रकम हासिल की है। इससे वॉलमार्ट के स्वामित्व वाली यह स्टार्टअप भारत में सबसे मूल्यवान वित्तीय प्रौद्योगिकी (फिनटेक) बन
गई है।

यह निवेश रकम का इंतजाम करने की कंपनी की नवीनतम कवायद का पहला हिस्सा है, जिसमें वैश्विक और भारतीय निवेशक इस फिनटेक फर्म में एक अरब डॉलर तक का निवेश कर सकते हैं।

रकम जुटाने के इस दौर के साथ ही घरेलू स्तर पर विकसित डिजिटल भुगतान क्षेत्र की इस स्टार्टअप ने वर्ष 2020 के 5.5 अरब डॉलर की तुलना में अपना मूल्यांकन दोगुने से भी अधिक कर लिया है। 12 अरब डॉलर के मूल्यांकन के साथ यह डेकाकॉर्न क्लब में शामिल हो गई है। फोनपे स्टार्टअप कंपनियों के वित्त पोषण और लाभ में गिरावट वाले दौर के बीच रकम जुटाने में कामयाब रही है।

सूत्रों ने बताया कि जनरल अटलांटिक एक अरब डॉलर की रकम जुटाने के लिए वॉलमार्ट और अन्य नए निवेशकों के साथ आगे और ज्यादा अच्छी-खासी पूंजी का निवेश करेगी।

फोनपे ने हाल ही में फ्लिपकार्ट से पूरी तरह से अलग होने और भारतीय कंपनी बनने की घोषणा की थी, जिसके बाद रकम जुटाने की यह कवायद की जा रही है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि कंपनी की पूंजी संबंधी यह योजना कैसी रहेगी, क्योंकि अन्य निवेश कुछ सप्ताह में आएगा।

फोनपे की योजना इस रकम का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे में निवेश करने की है, जिसमें डेटा केंद्रों का विकास और देश में बड़े स्तर पर वित्तीय सेवाओं की पेशकश का निर्माण करना शामिल है। कंपनी बीमा, धन प्रबंधन और ऋण देने सहित नए कारोबारों में निवेश करने की भी योजना बना रही है।

फोनपे के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी समीर निगम ने कहा कि हम एक भारतीय कंपनी हैं, जिसे भारतीयों द्वारा बनाया गया है। रकम जुटाने की हमारी ताजा कवायद हमें भारत सरकार के सभी के लिए डिजिटल वित्तीय समावेशन के दृष्टिकोण को और तेज करने में मदद करेगी। दिसंबर 2015 में स्थापित फोनपे ने कहा कि इस फंडिंग से उसे भारत में ‘टर्बो चार्ज’ डिजिटल भुगतान और बड़े वित्तीय समावेशन में मदद मिलेगी।

कंपनी के पास 40 करोड़ से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ता हैं, जिसका अर्थ यह है कि चार में से एक से ज्यादा भारतीय इसकी सेवाओं का उपयोग करते हैं।

वर्ष 2021-22 में कंपनी ने सालाना आधार पर 138 प्रतिशत इजाफे के साथ 1,646 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया था। इस वित्त वर्ष में घाटा बढ़कर 2,014 करोड़ हो गया, जबकि वर्ष 2020-21 में यह 1,729 करोड़ रुपये था।

First Published - January 19, 2023 | 10:52 PM IST

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