जेके टायर एंड इंडस्ट्रीज ने मंगलवार को अपने तिमाही नतीजे जारी किए, जिसमें दो साल में पहली बार मुनाफे में गिरावट दर्ज की गई। कार, बस और ट्रक निर्माताओं को टायर की मांग में आई कमजोरी का असर कंपनी के प्रदर्शन पर पड़ा है।
जुलाई से सितंबर की तिमाही में कंपनी का कुल शुद्ध लाभ 44% घटकर 135 करोड़ रुपये ($16.1 मिलियन) रह गया, जो पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले काफी कम है। यह गिरावट बाजार में कमजोर मांग और कड़े कंपटीटिव
दबाव के चलते आई है।
इसके साथ ही, कंपनी का दूसरी तिमाही का राजस्व भी 7% घटकर 3,622 करोड़ रुपये पर आ गया। अप्रैल-जून तिमाही में चार साल में पहली बार राजस्व में गिरावट देखी गई थी, जो जुलाई-सितंबर तिमाही में भी जारी रही।
जेके टायर के इस प्रदर्शन ने ऑटो सेक्टर में आई मांग की सुस्ती को उजागर किया है, जो कंपनी के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है। कंपनी आने वाले समय में बाजार की स्थिति को देखते हुए अपनी रणनीतियों में बदलाव कर सकती है।
कमजोर वाहन बिक्री और ऊंची रबर कीमतों से JK Tyre के मुनाफे पर दबाव, अन्य टायर कंपनियां भी प्रभावित
दूसरी तिमाही में घरेलू बाजार में बस और ट्रकों की बिक्री में 12% की गिरावट आई, जबकि कार निर्माताओं की बिक्री में भी दो साल में पहली बार गिरावट दर्ज की गई। यह स्थिति JK Tyre के मुनाफे पर भारी पड़ी, क्योंकि कंपनी का 80% से अधिक राजस्व इन्हीं ग्राहकों से आता है।
इसके साथ ही, भारतीय टायर निर्माता कंपनियों को वैश्विक सप्लाई संकट के कारण ऊंची कीमतों पर रबड़ खरीदनी पड़ रही है। इस तिमाही में घरेलू रबर की कीमतें 20% तक बढ़ गईं, जिससे उत्पादन लागत में भी इजाफा हुआ।
JK Tyre के अलावा, इसके बड़े प्रतिस्पर्धी CEAT और Goodyear India ने भी तिमाही मुनाफे में गिरावट की रिपोर्ट दी है। MRF अपनी तिमाही नतीजे इसी हफ्ते जारी करेगी।