जैन इरिगेशन सिस्टम भारत में माइक्रो-इरिगेशन और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 250 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बना रही है। यह निवेश चालू वित्त वर्ष में ही किया जाएगा।
कंपनी के प्रबंध निदेशक अनिल महाजन ने बताया कि इस राशि का ज्यादा हिस्सा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए खर्च किया जाएगा क्योंकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक जैसे राज्यों से मांग काफी ज्यादा है। कंपनी के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार में भी उसके लिए काफी संभावनाएं हैं। वह बिहार और उत्तर प्रदेश में पानी मुहैया कराने की योजना बना रही है।
ड्रिप इरिगेशन सिस्टम बनाने वाली और डिहाइड्रेटिड प्याज और फ्रूट पल्प का उत्पादन करने वाली इस कंपनी के पास अभी 650 करोड़ रुपये के ऑर्डर हैं लेकिन कंपनी देश और विदेश में और ऑर्डरों के लिए भी बोली लगा रही है।
जैन ने बताया कि कंपनी को सबसे ज्यादा ऑर्डर सिंचाई के क्षेत्र में ही मिलते हैं और कंपनी भी इसी क्षेत्र में ऑर्डरों के लिए बोली भी लगा रही है। कंपनी घाना में एक सिंचाई परियोजना पर भी काम कर रही है। इसके साथ ही जैन इरिगेशन ने भारत में बुनियादी परियोजनाओं के लिए इजरायली कंपनी मैकोरोट के साथ करार किया है।
उन्होंने बताया कि कंपनी सिंचाई, खाद्य प्रसंस्करण और प्लास्टिक श्रेणी में काफी विकास कर सकती है। इस साल ज्यादा ऑर्डर मिलने और उत्पादन क्षमता बढ़ने से कंपनी के मुनाफे और राजस्व में लगभग 50 फीसदी की वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
बढ़ गया मुनाफा
जैन इरिगेशन ने आखिरी तिमाही के नतीजे घोषित कर दिए है। कंपनी ने इस तिमाही में 1667 करोड़ रुपये की बिक्री की है। इस आंकड़े में पिछली तिमाही के मुकाबले लगभग 38 फीसदी का इजाफा हुआ है। कंपनी की घरेलू बिक्री में भी 51.2 फीसदी का इजाफा हुआ है।
टैक्स भरने के बाद कंपनी के मुनाफे में 40.9 फीसदी का इजाफा हुआ है। पिछले साल कंपनी का शुद्ध मुनाफा 99.1 करोड़ रुपये था। लेकिन इस साल यह राशि बढ़कर लगभग 140 करोड़ रुपये हो गई है। वित्त वर्ष 2008 की आखिरी तिमाही में कंपनी की बिक्री में 33.1 फीसदी का इजाफा हुआ है।