आईटीसी समूह (ITC Group) ने अपना होटल कारोबार अलग करने का फैसला किया है। होटल कारोबार करीब दो दशक पहले मूल कंपनी के अंतर्गत लाया गया था। आईटीसी ने आज कहा कि उसके निदेशक मंडल ने होटल कारोबार को अलग करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। होटल कारोबार के लिए नई कंपनी बनाई जाएगी, जिसे स्टॉक एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराया जाएगा।
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि निदेशक मंडल ने आईटीसी होटल्स या कंपनी मंत्रालय से मंजूरी पाने वाले किसी भी नाम से नई कंपनी बनाने की मंजूरी दे दी। होटल कंपनी में आईटीसी की करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी होगी और बाकी 60 फीसदी हिस्सेदारी कंपनी के शेयरधारकों के पास होगी। उनकी हिस्सेदारी का अनुपात आईटीसी में हिस्सेदारी के हिसाब से ही तय किया जाएगा। कंपनी के पुनर्गठन का विस्तृत प्रस्ताव मंजूरी के लिए 14 अगस्त को निदेशक मंडल की बैठक में पेश किया जाएगा।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि तमाम तरह के कारोबारों में पैठ करने वाली आईटीसी ने पिछले कुछ साल में होटल कारोबार में भारी पूंजी निवेश की है और इस कारोबार को अलग करने से लगाई गई पूंजी पर उसका रिटर्न 2000 आधार अंक तक बढ़ सकता है।
होटल कारोबार को अलग करने का प्रस्ताव आईटीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव पुरी की प्रतिस्पर्धा, मार्जिन और मुनाफा बढ़ाने पर जोर देने की रणनीति के अनुरूप है। आईटीसी का शेयर बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर आज शुरुआत में उछल गया मगर बाद में 3.87 फीसदी गिरावट के साथ 470.90 रुपये पर बंद हुआ।
बयान में कंपनी ने कहा कि होटल कारोबार अलग करने से उसे ऐसे निवेशक और रणनीतिक साझेदार लाने में मदद मिलेगी, जिनकी निवेश की रणनीति और जोखिम लेने की क्षमता होटल उद्योग के हिसाब से हो।
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पुरी ने पुनर्गठन प्रस्ताव के बारे में कहा, ‘होटल कारोबार अलग करने का प्रस्ताव शेयरधारकों के लिए लगातार मूल्य सृजित करने का कंपनी का संकल्प दर्शाता है।
आतिथ्य क्षेत्र पर केंद्रित कंपनी बनेगी तो भारत में आतिथ्य उद्योग में रोमांचक अवसरों का फायदा उठाते हुए वृद्धि तथा मूल्य सृजन के नए पड़ाव तक पहुंचा जाएगा। इस प्रस्ताव से आईटीसी और नई कंपनी को सांगठनिक तालमेल का फायदा मिलेगा।’
होटल कंपनी में आईटीसी की 40 फीसदी हिस्सेदारी आतिथ्य कारोबार में इसकी गहरी मौजूदगी बनाए रखने के लिए है। प्रस्तावित व्यवस्था के तहत होटल कारोबार से जुड़ी संपत्ति, देनदारी, करार और कर्मचारी नई होटल कंपनी में चले जाएंगे। होटल कंपनी को आईटीसी का ब्रांड नाम इस्तेमाल करने का लाइसेंस दिया जाएगा।
2004 से पहले होटल कारोबार का स्वामित्व आईटीसी, आईटीसी होटल्स और सहायक इकाइयों में बंटा था। अलग से सूचीबद्ध कंपनी आईटीसी होटल्स और अंसल होटल्स का 1 अप्रैल, 2004 को आईटीसी में विलय कर लिया गया।
आईटीसी के पास जाकर होटल का कामकाज बहुत बढ़ गया और पिछले कुछ साल में तो इसमें बहुत तेजी आई। आज आईटीसी के पास 120 से ज्यादा होटल और 11,600 से ज्यादा कमरे हैं। इनमें से करीब 50 फीसदी कमरे करार के तहत आते हैं।
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कंपनी ने कहा कि निदेशक मंडल की बैठक में होटल कारोबार की अगले चरण की वृद्धि और शेयरधारकों के लिए मूल्य सृजन करने के मकसद से कई विकल्पों पर बातचीत हुई और उन्हें परखा गया। निदेशक मंडल ने कहा कि कंपनी का होटल कारोबार अब परिपक्व हो चुका है और अलग कंपनी के रूप में विस्तार की राह पर बढ़ सकता है। कोविड महामारी के बाद आतिथ्य कारोबार में तेजी से सुधार हुआ है और वित्त वर्ष 2023 में इसका प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा है।
आईटीसी के होटल कारोबार की आय 2,689 करोड़ रुपये रही और ब्याज तथा कर पूर्व मुनाफा 557 करोड़ रुपये रहा, जो अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है। आईटीसी की परिचालन आय में होटल कारोबार की हिस्सेदारी करीब 3.2 फीसदी रही।