सुंदरराजन पलेपु ज्यादा नहीं तो दिन में कम से कम दो बार तो फेसबुक पर अपने दोस्तों को ‘हू हैज द बिग्गेस्ट ब्रेन’ के राउंड के लिए चुनौती तो दे ही देते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये बला क्या है? यह कोई बला नहीं बल्कि सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर चलने वाला दिमाग-प्रशिक्षण से जुड़ा एक गेम है। पलेपु एक प्रमुख एफएमसीजी कंपनी में बिक्री प्रबंधक हैं और उन्होंने पहले ही इस ऑनलाइन गेम का प्रीमियम वर्जन 1.99 डॉलर यानी लगभग 100 रुपये में खरीदा है।
उनका कहना है, ‘मेरे लिए सोशल गेमिंग किसी से संपर्क करने का ही एक तरीका है जो ई-मेल या इंस्टेंट मैसेंजर से ज्यादा दिलचस्प है।’ पलेपु ऐसे लगभग 40,000 भारतीय सोशल नेटवर्किंग ऑनलाइन और मोबाइल उपभोक्ताओं में से एक हैं, जो हर रोज सोशल नेटवर्किंग पोर्टलों पर गेम खेलने के लिए हर रोज औसतन 20 मिनट का वक्त देते हैं।
एक वेब विश्लेषण करने वाली कंपनी कॉमस्कोर के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल भारत में सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल करने वालों में 51 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। ये सोशल गेम शब्द जोड़ो, अंताक्षरी या क्विज जितनी साधारण होते हैं। साथ ही गेमिंग 2.0 की विशेषता यह है कि इन गेम्स के लिए आपको हाई-एंड पर्सनल कंप्यूटर या 3डी ग्राफिक्स की जरूरत नहीं होती।
कॉमस्कोर के मुताबिक ऑर्कुट, फेसबुक, माईस्पेस, आईबिबो और हाई5 जैसी नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करने वाले ही सबसे अधिक सोशल गेमर्स होते हैं। ऑर्कुट पर सोशल गेम्स खेलने वाली मीशा ग्रोवर का कहना है, ‘पुरानी ऑनलाइन आम गेमों के विपरीत लोग अब सोशल नेटवर्क पर ही खेल सकते हैं, जिसमें वे किसी अजनबी को मुकाबले के लिए चुनौती नहीं देते।
वे उस समय अपने दोस्तों के साथ गेम्स का मजा ले सकते हैं, जब वे ऑनलाइन भी हैं।’ लगभग 30 लाग वैश्विक उपभोक्ता हर रोज पेट सोसायटी, जो फेसबुक पर एक और सोशल गेम है, खेलते हैं और खेल का यह दौर औसतन लगभग 30 मिनट तक के लिए होता है।
ग्रोवर का मानना है कि सोशल गेमिंग कंप्यूटर और नेट की दुनिया में युवाओं के बीच संपर्क के एक नवीन तरीके के रूप में सामने आ रहा है। गेम्स2विन के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी आलोक केजरीवाल काफी लोकप्रिय हैं। गेम्स2विन की इंटरनेट क्रिकेट लीग (आईसीएल) ऐप्लीकेशन को ऑर्कुट पर काफी सफलता हासिल हो रही है।
कंपनी का दावा है कि उसने गेम लॉन्च होने के 15 दिन के भीतर ही गेम के लिए 20,000 इंस्टॉलेशंस दर्ज किए हैं। इसके जल्द ही बाद, आईसीएल को एक ही दिन में 6,500 से भी अधिक बार खेला गया।
केजरीवाल का कहना है, ‘औसतन यूजर्स आईसीएल सरीखे खेलों पर 6 से 10 मिनट तक देते हैं, अपने दोस्तों को बुलाते हैं, ताकि उनके स्कोर बेहतर हो सकें।’ उनकी कंपनी इस साल और 15 सोशल गेम्स बाजार में पेश करने वाली है, जिनमें दो गेम्स ऐसे भी शामिल हैं, जिसके जरिये यूजर्स अपने दोस्तों को मुफ्त में तोहफे भी भेज सकते हैं।
केजरीवाल का कहना है, ‘खिलाड़ी अपनी वर्चुअल स्पेस को सजाना चाहते हैं और वे अपने दोस्तों को तोहफे भी भेजते हैं। हम ये फीचर्स गेम्स2विन एप्लीकेशन में भी जल्द लाने वाले हैं।’ सोशल गेमों के वितरण में ऑनलाइन समुदायों का अहम किरादार है, क्योंकि इन एप्लीकेशंस को चुनने के लिए यूजर दूसरों के बातों पर जाते हैं।
माईस्पेस और ऑर्कुट ने पहले से जानी पहचानी गेमों जैसे स्क्रैबल, रिस्क, बॉगल और बैटलशिप को लिया और उन्हें अपने सोशल नेटवर्क में शामिल कर लिया। सोशल गेमों के वितरण में ऑनलाइन समुदायों का अहम किरादार है, क्योंकि इन एप्लीकेशंस को चुनने के लिए यूजर दूसरों के बातों पर जाते हैं।
माईस्पेस और ऑर्कुट ने पहले से जानी पहचानी गेमों जैसे स्क्रैबल, रिस्क, बॉगल और बैटलशिप को लिया और उन्हें अपने सोशल नेटवर्क में शामिल कर लिया। गूगल की सोशल नेटवर्किंग साइट ऑर्कुट का 10 लाख यूजर्स रजिस्टर करने का दावा करती है और हर यूजर अकेले सोशल गेमिंग एप्लीकेशंस पर ही लगभग 15 मिनट से दो घंटे तक बिताता है।
ऑर्कुट में लगभग 3,000 एप्लीकेशंस हैं और इसके अलावा कई लोकप्रिय सोशल गेम्स हैं, जिनमें तीन पत्ती और गली क्रिकेट शामिल है। गूगल (इंडिया) के उत्पाद प्रबंधक राहुल कुलकर्णी का कहना है, ‘भारतीय दर्शकों को क्रिकेट और बॉलीवुड का मिश्रण पसंद आता है और यह दोस्तों के साथ संपर्क में बने रहना का एक तरीका भी है।’
हाई5 में हर महीने 6 करोड़ लोग इस पोर्टल पर नजर डालते हैं। और इस पोर्टल ने सोशल गेमिंग वर्ग को काफी गंभीरता से लिया है। हाई5 के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी रामू यालमंची का कहना है कि हाई5 का लक्षित वर्ग 15 से 24 साल आयु वाले लोग हैं। ‘सोशल गेमिंग दुनियाभर में समय और पैसे बड़ी खपत को दिखाती है। हाई5 गेमों ने हमारे यूजर्स को व्यस्त रखा है। इस तरह उन्हें हमारे कारोबार के लिए पैसे कमाने के नए तरीकों की ओर आकर्षित किया जा सकता है।’