सभी विवादों को विराम देते हुए अमेरिकी बाजार विश्लेषक फर्म आईडीसी ने जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए श्याओमी शीर्ष स्मार्टफोन ब्रांड के तौर पर घोषित किया है। आपूर्ति शृंखला में व्यवधान के कारण पैदा हुई चुनौतियों, चीनी ब्रांडों के खिलाफ व्यापक नकारात्मक धारणा और समग्र आर्थिक मंदी के बावजूद चीन की प्रमुख प्रौद्योगिकी कंपनी श्याओमी ने जुलाई से सितंबर की अवधि में भारतीय स्मार्टफोन बाजार पर अपनी पकड़ बनाए रखने में सफल रही। हालांकि तिमाही के दौरान उसकी बाजार हिस्सेदारी घटकर 25 फीसदी रह गई लेकिन चीन की इस कंपनी ने 1.35 करोड़ स्मार्टफोन की आपूर्ति की जो पिछले साल के मुकाबले 7 फीसदी अधिक है। विश्लेषक फर्म आईडीसी ने यह खुलासा किया है।
प्रतिस्पर्धी सैमसंग ने तिमाही के दौरान दमदार प्रदर्शन किया लेकिन आंकड़ों के मोर्चे पर वह श्याओमी को माद देने में विफल रही। श्याओमी 2017 के मध्य में सैमसंग को भारतीय बाजार में पछाड़कर शीर्ष पायदान पर पहुंच गई थी। वर्ष 2016 के बाद से शीर्ष दो ब्रांडों के बीच रस्साकशी चल रही है लेकिन इस बार विभिन्न विश्लेषकों द्वारा बाजार में उनकी स्थिति पर परस्पर विरोधी दावों ने इस मामले को जटिल बना दिया है। आईडीसी ने अपने त्रैमासिक आंकड़े ऐसे समय में जारी की है जब दो अन्य एजेंसियों- काउंटरपॉइंट और कैनालिस- ने सितंबर तिमाही के लिए अलग-अलग आंकड़े दिए हैं।
सिंगापुर की कंपनी कैनालिस ने 26.1 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ श्याओमी के शीर्ष पायदान पर रहने की सूचना दी जबकि सैमसंग (20.4 फीसदी) दूसरे पायदान पर रही। हॉन्ग कॉन्ग की कंपनी काउंटरपॉइंट रिसर्च ने सैमसंग को 24 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ पहले पायदान पर और श्याओमी को 23 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ दूसरे पायदान पर रखा।
इसके अलावा, दो ब्रांडों के लिए आपूर्ति की उनकी संख्या काफी हद तक बेमेल है। काउंटरपॉइंट के अनुसार, श्याओमी ने सैमसंग की 1.27 करोड़ की तुलना में 1.22 करोड़ स्मार्टफोन की आपूर्ति की। जबकि कैनालिस ने दावा किया कि श्याओमी के आंकड़े 1.3 करोड़ रहे जो सैमसंग के 1.02 करोड़ के मुकाबले अधिक है। उद्योग के जानकार आईडीसी के आंकड़ों पर विचार करने के पक्ष में हैं। वर्ष 1964 में स्थापित, मैसाचुसेट्स की कंपनी आईडीसी इस कारोबार में सबसे अनुभवी है और दुनियाभर में उसे भरोसेमंद माना जाता है।
तिमाही के शुरुआती हफ्तों में आपूर्ति संबंधी बाधाओं से जूझने के बावजूद रेडमी ब्रांड के तहत श्याओमी के तीन हैंडसेट इस दौरान सबसे अधिक बिकने वाले स्मार्टफोन के रूप में उभरे। इससे भारतीय बाजार में कंपनी को अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिली। इसके अलावा, उसके उप-ब्रांड पोको ने अब तक की सर्वाधिक आपूर्ति दर्ज की जो 10 लाख से अधिक स्मार्टफोन तक पहुंच गई।
श्याओमी इंडिया के प्रबंध निदेशक मनु कुमार जैन ने कहा, ‘हम पिछले छह वर्षों के दौरान अपने ग्राहकों दिए गए समर्थन के लिए उनका बेहद आभारी हैं। भारत में बाजार की अग्रणी कंपनी के तौर पर यह हमारी 13वीं तिमाही है। यह उपलब्धि काफी शानदार और ग्राहक केंद्रित हमारे दृष्टिकोण का परिचायक है।’ श्याओमी 2017 के मध्य में बाजार की अग्रणी कंपनी सैमसंग को पछाड़कर शीर्ष पायदान पर काबिज होने में सफल रही थी। लेकिन सैमसंग ने भी शानदार प्रदर्शन दर्ज किया लेकिन वह आंकड़ों की बाजीगरी में पिछड़ गई।
कोरिया की इस दिग्गज कंपनी ने त्योहारी सीजन के दौरान 40 की वृद्धि हासिल करने का लक्ष्य रखा है। जुलाई से सितंबर तिमाही के दौरान आमतौर पर सभी प्रमुख स्मार्टफोन ब्रांड त्योहारों के दौरान मांग में संभावित वृद्धि को पूरा करने के लिए स्टॉक करते हैं। इस दौरान सैमसंग के स्मार्टफोन की आपूर्ति 38 फीसदी बढ़कर 1.21 करोड़ स्मार्टफोन हो गया जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह आंकड़ा 88 लाख स्मार्टफोन का रहा था।
भारतीय बाजार में सैमसंग ने अपने दमदार प्रदर्शन के बल पर न केवल बाजार के अन्य सभी प्रमुख ब्रांडों को पीछे छोड़ दिया बल्कि उसके वैश्विक आंकड़ों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। सबसे बड़े और तीसरे सबसे बड़े बाजारों- चीन और अमेरिका- के बीच भारत सैमसंग के लिए सबसे बड़े बाजार के रूप में उभरा है जिसका उसके वैश्विक आपूर्ति में 15 फीसदी हिस्सेदारी है।
सैमसंग इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आसीम वारसी ने पिछले सप्ताह बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा था कि हालांकि साल की पहली छमाही सैमसंग के लिए कठिन रही लेकिन जून के बाद उसने उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया जिसे तमाम उपभोक्ता पेशकश, दुरुस्त पोर्टफोलियो और आसान फाइनैंस के जरिये बल मिला।
आईडीसी के अनुसार, अपने चीनी प्रतिस्पर्धियों के विपरीत सैमसंग ने पूरी तिमाही के दौरान स्थिर आपूर्ति बनाए रखी। इसके अलावा, सस्ते और मध्यम मूल्य दायरे वाले उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करना भी उसके लिए फायदेमंद साबित हुआ। आईडीसी के विश्लेषकों ने कहा, ‘सैमसंग को तिमाही के शुरुआती हफ्तों में चीनी विरोधी भावनाओं का भी फायदा मिला।’
इसके अलावा, ऑनलाइन चैनल में अपनी पैठ बढ़ाने से भी सैमसंग के स्मार्टफोन कारोबार को मदद मिली। आमतौर पर इस क्षेत्र में चीन की स्मार्टफोन विनिर्माताओं का वर्चस्व रहा था लेकिन तिमाही के दौरान सैमसंग ने ई-कॉमर्स श्रेणी में दस्तक दी। कंपनी अब ऑनलाइन चैनलों के जरिये करीब 43 फीसदी स्मार्टफोन की बिक्री कर रही है। उधर, श्याओमी ने 35 फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ ऑनलाइन श्रेणी में अपना वर्चस्व बरकरार रखा। उसकी वेबसाइट एमआई डॉट कॉम भारत में स्मार्टफोन की बिक्री के लिए फ्लिपकार्ट और एमेजॉन के बाद तीसरा सबसे बड़ा ऑनलाइन बिक्री चैनल है।
पिछले चार साल से ऑनलाइन चैनलों का महत्त्व लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछली तिमाही में उसने एक नई ऊंचाई को छू लिया। स्मार्टफोन की कुल बिक्री में ई-कॉमर्स के जरिये हुई बिक्री का योगदान 48 फीसदी दर्ज किया गया और इस प्रकार वह ऑफलाइन चैनलों को पछाड़कर आगे निकल गया।
भारत-चीन सीमा पर सैनिकों के बीच तनाव बढऩे के बाद बाजार में चीन विरोधी भावना काफी बढ़ गई लेकिन स्मार्टफोन कंपनियों को वह प्रभावित करने में विफल रही। तीसरे सबसे बड़े स्मार्टफोन ब्रांड वीवो ने पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले सितंबर तिमाही में 27 फीसदी अधिक आपूर्ति की। जबकि मात्रात्मक बिक्री के लिहाज से चौथे और पांचवें पायदान पर मौजूद रियलमी और ओप्पो की आपूर्ति में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले क्रमश: 19 फीसदी और 11 फीसदी की वृद्धि हुई।
