टिकट की लंबी कतार, हाउसफुल का बोर्ड, दिन में केवल चार शो और बालकनी। मल्टीप्लेक्स में फिल्मों का चलन शुरू होने के बाद से बिसार दिए गए ये शब्द एक बार फिर आपसे रूबरू होने वाले हैं।
दरअसल बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं और मल्टीप्लेक्स मालिकों के बीच कमाई के मसले पर बातचीत टूट गई है, जिससे अगले महीने से आपको नई हिंदी फिल्में सिंगल स्क्रीन वाले थिएटरों में ही देखने को मिल सकती हैं।
बातचीत टूटने का मल्टीप्लेक्स पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। माना जा रहा है कि अब तो उन पर ताला भी पड़ सकता है। लेकिन 8000 से ज्यादा सिंगल स्क्रीन थिएटरों में नई हिंदी फिल्में प्रदर्शित होने का रास्ता साफ हो गया है।
बॉलीवुड निर्माताओं और वितरकों के मंच के प्रवक्ता और फिल्म निर्माता मुकेश भट्ट ने बताया, ‘हमारी बातचीत बीच में ही बंद हो गई है। मल्टीप्लेक्स मालिक वही फार्मूला लेकर हमारे पास आ गए, जो वे जनवरी 2009 में लाए थे और जो हमें मंजूर नहीं थीं।’
इस बारे में पूछे जाने पर पीवीआर, बिग सिनेमा, आइनॉक्स और सिनेमैक्स जैसी प्रमुख मल्टीप्लेक्स कंपनियों ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। अलबत्ता भट्ट ने साफ तौर पर कहा, ‘हम दोबारा बैठक नहीं करने जा रहे, कम से कम निकट भविष्य में तो नहीं।’
मल्टीप्लेक्स में ताले!
दोनों पक्षों के बीच सहमति नहीं बनने और बातचीत टूटने की वजह से देश में 250 से भी ज्यादा मल्टीप्लेक्स अब बंद हो सकते हैं क्योंकि अगले कुछ महीनों में कोई भी नई बॉलीवुड फिल्म उनमें प्रदर्शित नहीं होगी। पिछले एक महीने के दौरान उनमें दर्शकों की संख्या बहुत कम हो गई है और इसकी वजह से उनका कुल घाटा 250 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है।
फिल्म निर्माता मल्टीप्लेक्स में प्रदर्शित फिल्मों से हुई कमाई में सीधे आधा हिस्सा मांग रहे हैं। मल्टीप्लेक्स मालिक फिल्म के कारोबार के मुताबिक कमाई बांटने की बात कह रहे हैं, जिसमें कमाई का बड़ा हिस्सा उन्हीं के पास रहता है। लेकिन इस रस्साकशी में दर्शक मल्टीप्लेक्स की तरफ मुंह भी नहीं कर रहे।
पिछले हफ्ते तो मल्टीप्लेक्सों में महज 10 फीसदी सीटें ही भरी थीं यानी 200 सीटों वाले मल्टीप्लेक्स में महज 20 टिकट बिके थे। मल्टीप्लेक्स और बॉलीवुड निर्माता 4 अप्रैल से ही हड़ताल पर हैं और फिल्मों का प्रदर्शन तभी से रुका है। इसे खत्म करने के लिए ही बैठक हुई थी।
लेकिन बैठक में मौजूद एक सूत्र ने बताया, ‘मल्टीप्लेक्स पहले हफ्ते में तो कमाई आधी-आधी बांटने के लिए तैयार हो गए, लेकिन दूसरे, तीसरे और उसके बाद के हफ्तों में ऐसा करने के लिए वे तैयार नहीं थे। इसकी वजह से दोनों पक्षों का रुख सख्त हो गया।’
बॉलीवुड निर्माताओं के कड़े रुख की तसदीक करते हुए भट्ट ने कहा, ‘हम फिल्में प्रदर्शित करने के लिए दूसरी रणनीति पर काम कर रहे हैं, जिसके तहत सिंगल स्क्रीन और छोटे मल्टीप्लेक्सों में फिल्में लगाई जा सकती हैं। दो हफ्तों में हम मीडिया को इस बारे में ब्योरे के साथ बता देंगे।’
यूटीवी मोशन पिक्चर्स के सीईओ सिद्धार्थ रॉय कपूर ने भी इस बात की पुष्टि की। बॉलीवुड निर्माताओं के प्रमुख प्रतिनिधि रॉय कपूर ने कहा, ‘यूटीवी जुलाई से ही अपनी छोटी-बड़ी फिल्में सिंगल स्क्रीन थिएटर और छोटे मल्टीप्लेक्सों में दिखाना शुरू कर देगी।’
लेकिन मल्टीप्लेक्स भी घाटा सहने को तैयार नहीं हैं, इसलिए एकता में फूट पड़ रही है। सूत्रों के मुताबिक कुछ मल्टीप्लेक्स हड़ताल से पीछे हटने का मन बना रहे हैं। मुंबई में एक बड़ी मल्टीप्लेक्स शृंखला के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘इस मसले पर एक महीने से अंदरखाना विवाद चल रहा है। एक निश्चित बिंदु के बाद मल्टीप्लेक्स ही बंद नहीं होंगे, उनके साथ फूड कोर्ट और बाउलिंग एले जैसे व्यवसाय भी बंद हो जाएंगे क्योंकि दर्शक ही नहीं आएंगे।’
खत्म हुआ शो!
मल्टीप्लेक्स और निर्माताओं के बीच टूट गई बातचीत
कमाई आधी-आधी बांटने पर मल्टीप्लेक्स तैयार नहीं
फिल्म निर्माताओं ने भी सख्त कर लिया रुख
सिंगल स्क्रीन थिएटरों में फिल्में प्रदर्शित करने की तैयारी
250 से ज्यादा मल्टीप्लेक्सों में पड़ सकता है ताला
