पिछले सप्ताह हैप्पिएस्ट माइंड्स टेकनोलॉजीज की शानदार सूचीबद्घता ने एक बार फिर से आईटी शेयरों में निवेशकों के भरोसा को स्पष्ट किया है। कोविड-19 महामारी की वजह से डिजिटल इन्फ्रास्टक्चर पर बढ़ते जोर से आईटी कंपनियों की चमक बढ़ी है।
दरअसल, सफलता की यह कहानी प्रख्यात कंपनियों के लिए भी अलग नहीं है। पिछले तीन महीनों के दौरान निफ्टी आईटी सूचकांक 36.2 प्रतिशत चढ़ा, जो निफ्टी-50 में आई तेजी का लगभग पांच गुना है। निफ्टी-50 में इस अवधि के दौरान 7.4 प्रतिशत तक की तेजी आई।
वित्त वर्ष 2022 की अनुमानित आय के 21.5 गुना पर, निफ्टी आईटी सूचकांक मौजूदा समय में निफ्टी-50 के मुकाबले 29 प्रतिशत ऊंचाई पर कारोबार कर रहा है। जहां कई विश्लेषकों को आईटी शेयरों के लिए गिरावट के जोखिम की आशंका नहीं दिख रही है, वहीं उनका यह भी मानना है कि आईटी कंपनियों को इस तरह के ऊंचे मूल्यांकन मल्टीपल को उचित ठहराने के लिए मध्यावधि के दौरान दो
अंक की वृद्घि दर्ज करने की जरूरत होगी। रिलायंस सिक्योरिटीज में विश्लेषक सुयोग कुलकर्णी का कहना है, ‘हमारा मानना है कि आईटी कंपनियों में शानदार ऑर्डर प्रवाह (मुख्य तौर पर डिजिटल स्पेस में) की मदद से बड़ा सुधार आया है और इससे उनके मूल्यांकन को मजबूत बने रहने में मदद मिल सकती है।’ उन्होंने कहा कि मौजूदा महंगे मूल्यांकन से अगले तीन वर्षों में दो अंक की वृद्घि का संकेत मिलता है, हालांकि वृद्घि दर हरेक कंपनी के लिए अलग अलग होगी। शेयरखान के शोध प्रमुख संजीव होता ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए हैं। वह कहते हैं, ‘हमें उम्मीद है कि कई प्रमुख आईटी कंपनियां वित्त वर्ष 2020-वित्त वर्ष 2023 के दौरान दो अंक की वृद्घि दर्ज करेंगी और इससे उन्हें अपने मौजूदा मूल्यांकन स्तरों को जायज ठहराने में मदद मिलेगी। निफ्टी में आईटी के बढ़ रहे भारांक से रेटिंग में सुधार को भी बढ़ावा मिल रहा है। मजबूत ऑर्डर प्रवाह और सभी क्षेत्रों में संभवत: ऊंचे आईटी खर्च से आईटी कंपनियों के लिए मजबूत वृद्घि की संभावना का पता चलता है।’ जहां मौजूदा मूल्यांकन से संकेत मिलता है कि बाजार दीर्घावधि में मजबूत वृद्घि की उम्मीद कर रहा है, वहीं इससे यह भी पता चलता है कि वृद्घि की संभावनाएं टियर-1 कंपनियों के मुकाबले मझोले स्तर की कंपनियों के लिए ज्यादा हैं।
महामारी से मजबूत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत स्पष्ट रूप से महसूस हुई है, क्योंकि इसका अंदाजा आईटी कंपनियों को मिल रहे शानदार सौदों से लगाया जा सकता है। आईटी क्षेत्र के बारे में 18 कंपनियों की प्रतिक्रियाओं पर आधारित एलारा कैपिटल की एकताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी से क्लाउड सेवाओं को अपनाने और ग्राहक जोडऩे की प्रवृत्ति में बदलाव को बढ़ावा मिला है, क्योंकि इनमें डिजिटल पर तेजी से ध्यान देने का रुझान बढ़ रहा है।
एफपीआई ने निकाले 476 करोड़ रुपये
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने सितंबर में अब तक भारतीय बाजारों से 476 करोड़ रुपये की निकासी की है। यूरोप और अन्य देशों में कोरोनावायरस संक्रमण फिर से उभरने के बीच यह उनके सतर्क रुख को दर्शाता है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 25 सितंबर के दौरान शेयरों से शुद्ध रूप से 4,016 करोड़ रुपये निकाले। इस दौरान उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार में 3,540 करोड़ रुपये डाले। इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 476 करोड़ रुपये रही। एफपीआई लगातार तीन महीने (जून से अगस्त) तक शुद्ध लिवाल रहे थे। भाषा