देश में अगले कुछ दिनों में होने वाले तीन फैशन वीक में काफी कुछ ऐसा होगा, जो पहली बार देखा जाएगा।
दिल्ली फैशन वीक और विल्स लाइफस्टाइल इंडिया फैशन वीक आज से राष्ट्रीय राजधानी में शुरू हो रहा है तथा मुंबई में इस महीने के आखिर में लैक्मे फैशन वीक आयोजित होने वाला है।
भारतीय फैशन उद्योग मौजूदा समय में 500 करोड़ रुपये का है, जो पिछले साल तक 25 प्रतिशत की सालाना रफ्तार से बढ़ रहा था। लेकिन उद्योग जगत के विशेषज्ञों के मुताबिक मंदी की चपेट से फैशन उद्योग भी अलग नहीं रह पाया।
उद्योग में छाई मंदी के बावजूद उद्योग जगत को उम्मीद है कि फैशन से जुड़े इन कार्यक्रमों में पश्चिम एशिया से अधिक ग्राहक शिरकत करेंगे और भारतीय घरेलू बाजार से जबरदस्त मांग उद्योग की डूबती नब्ज को थामने में मदद करेगी।
दिल्ली फैशन वीक के अध्यक्ष सुमित नायर का कहना है, ‘घरेलू बाजार और पश्चिम एशियाई बाजारों में अब भी जबरदस्त मांग देखी जा रही है। सच तो यह है कि पश्चिम एशियाई बाजारों से फैशन वीक में भागीदारी करने वाले खरीदारों की संख्या में इस साल 30 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है।’
अपने 10वें साल में फैशन वीक को कई कॉर्पोरेट जगत से भी पहचान हासिल हो रही है, जिनमें ऑटो सेक्टर से ऑडी, स्कोडा, लॉजिस्टिक्स से डीएचएल, एल्कोहल से टाइगर बियर, कार्ल्सबर्ग, शिवाज, प्रौद्योगिकी से डेल, सैमसंग और एचपी जैसे नाम शामिल हैं।
लैक्मे फैशन वीक (एलएफडब्ल्यू) आयोजित करने वाली इवेंट कंपनी आईएमजी के उपाध्यक्ष और फैशन प्रमुख विक्रम रायजादा का कहना है, ‘बॉलीवुड और क्रिकेट की ही तरह अब फैशन को दूरसंचार, ऑटो, प्रौद्योगिकी जैसे अलग-अलग ब्रांडों के साथ जुड़ने का मौका मिल रहा है।’
फैशन वीक में चकाचौंध को बढ़ाने के लिए बार्बी भी मुंबई के लैक्मे फैशन वीक में रैम्प पर दिखाई देगी। बार्बी ने इस साल न्यू यॉर्क फैशन वीक में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार कदम रखा था। बार्बी इससे पहले कार्टियर, गूची, गैलियानो, वर्साचे जैसे ब्रांडेड डिजाइनरों के साथ जुड़ी हुई थी।
इसके अलावा इस साल जो नजारा पहली बार देखने को मिलेगा, वह है लैक्मे फैशन वीक में अंतरराष्ट्रीय मॉडल नियॉमी कैम्पबेल का रैम्प पर उतरना। वह होटल व्यवसाय से जुड़े हुए विक्रम चटवाल के ‘माय मुंबई’ फैशन शो के लिए शिरकत करेंगी। इस शो से होने वाली आय का इस्तेमाल 2611 के मुंबई बम धमाकों के शिकार हुए लोगों को मदद पहुंचाने के लिए किया जाएगा।
कैम्पबेल के साथ ही उनके डिजाइनर दोस्त रोबर्टो कावैली, कारोलिना हरेरा, वर्साचे, वाईएसएल और इजाक मिजराही भी ऐसे कुछ नाम हैं जो यहां अपने डिजाइनों को प्रदर्शित करेंगे। ये डिजाइन कई भारतीय शख्सियतें और बॉलीवुड सितारों की शोभा बढ़ाएंगे।
हालांकि पिछले साल के मुकाबले इस बार वैश्विक मंदी के चलते तीन फैशन वीक रिटेल उद्योग में मंदी का सामना कर रहे हैं। उद्योग जगत के विशेषज्ञ भी इस बात को लेकर सुनिश्चित नहीं हैं कि क्या पंजीकृत खरीदार सही में खरीदारी करेंगे और अगर वे ऐसा करेंगे तो क्या उसकी संख्या में कमी आएगी। इसके अलावा फैशन वीक के दो कार्यक्रमों को तीन में बदलने से खरीदार, डिजाइनर और प्रायोजक भी बंट गए हैं।
पहले दो कार्यक्रमों के साल में दो बार होते थे, यानी कुल 4 फैशन वीक, अब इनकी संख्या 3 हो गई है यानी साल में कुल 6 फैशन वीक होंगे। मंदी को मात देने के लिए भी कई प्रयास किए गए हैं, उदाहरण के लिए एलएफडब्ल्यू ने अपनी दरें पिछले साल की दरों पर ही बनाई हुई हैं।
और तो और शो की जगह को भी दक्षिण मुंबई के एनसीपीए मैदान से हटाकर पूर्वी उपनगर के ग्रांड हयात होटल में कर दी गई है। इसके अलावा शो ने उन डिजाइनरों के लिए भी पंजीकरण को खोला हुआ है, जो शो में हिस्सा नहीं ले रहे, लेकिन शो के स्थान पर अपना स्टोर लगाना चाहते हैं। अभी तक शो में डिजाइनरों की भागीदारी और प्रायोजकों की संख्या पिछले साल के समान बनी हुई है। इस बार 73 डिजाइनर और 9 प्रमुख कॉर्पोरेट प्रायोजक शो में शिरकत कर रहे हैं।
माहौल कमोबेश विल्स लाइफस्टाइल इंडिया फैशन वीक (डब्ल्यूएलआईएफडब्ल्यू) में भी ऐसे ही हैं। डब्ल्यूएलआईएफडब्ल्यू ने अपने शो में भाग लेने की दर को 30 प्रतिशत कम कर दिया है। इसके अलावा शो के आयोजनकर्ता युवा डिजाइनरों को अलग से अपने डिजाइनर शोकेस करने का मौका भी दे रहा है, वह भी शो के स्थान पर एक कमरे की लागत में।
विल्स लाइफस्टाइल इंडिया फैशन वीक आयोजन करने वाले फैशन डिजाइन काउंसिल ऑफ इंडिया (एफडीसीआई) के अध्यक्ष सुनील सेठी का कहना है, ‘इन प्रयासों से युवा डिजाइनरों को फैशन वीक में भाग लेने का मौका मिलेगा, बेशक वे एक स्लॉट की कीमत लगभग 1 लाख रुपये भी न चुका सकें।’
दिल्ली फैशन वीक (डीएफडब्ल्यू) और डब्ल्यूएलआईएफडब्ल्यू दिल्ली में 19 से 24 मार्च तक और एलएफडब्ल्यू 27 से 31 मार्च तक मुंबई में आयोजित हो रहा है।