facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: डील, डिमांड और डिफेंस ऑर्डर, आज इन शेयरों पर रहेगी बाजार की नजरघने कोहरे की मार: दिल्ली समेत पूरे उतरी क्षेत्र में 180 से अधिक उड़ानें रद्द, सैकड़ों विमान देरी से संचालितनए साल पर होटलों में अंतिम समय की बुकिंग बढ़ी, पर फूड डिलिवरी करने वाले गिग वर्कर्स के हड़ताल से दबावबांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया का निधन, विदेश मंत्री एस जयशंकर ढाका जाएंगे अंतिम संस्कार मेंकमजोर गर्मी-लंबे मॉनसून के चलते 2025 में सुस्त रहा उपभोक्ता टिकाऊ सामान बाजार, पर GST कटौती से राहत‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बदला देश का सुरक्षा सिद्धांत, अब सीधे वार के लिए भारत तैयारउम्मीदों पर सवार ग्रामीण अर्थव्यवस्था! GST राहत और बढ़ी खपत ने संवारा, आय को लेकर उम्मीदें मजबूतMapmyIndia के मैपल्स ऐप में मेट्रो, रेल व बस रूट जुड़े, पब्लिक ट्रांसपोर्ट हुआ और आसान31 दिसंबर की गिग कर्मियों की हड़ताल से क्विक कॉमर्स पर संकट, जोमैटो-स्विगी अलर्ट मोड मेंAI से बदलेगा बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग उद्योग, कैपजेमिनाई-WNS डील ने खोली नई राह

डीटीएच में 100 फीसदी एफडीआई का रास्ता साफ

Last Updated- December 12, 2022 | 10:36 AM IST

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डायरेक्ट टु होम (डीटीएच) सेवाओं के दिशानिर्देशों में संशोधन को मंजूरी दे दी है। यह संशोधन मौजूदा नीति के अनुरूप किया जा रहा है जिससे डीटीएच प्रसारण सेवा क्षेत्र में भी 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति मिल जाएगी। इसके साथ ही डीटीएच सेवा प्रदाताओं को 20 साल के लिए लाइसेंस जारी किए जाएंगे और हर 10 साल बाद उसका नवीनीकरण कराना होगा। फिलहाल डीटीएच लाइसेंस केवल 10 साल के लिए ही जारी किए जाते हैं।
लाइसेंस शुल्क भी सकल राजस्व के 10 फीसदी से घटाकर 8 फीसदी किया गया है। यह शुल्क ऑपरेटरों को तिमाही आधार पर अदा करना होगा। वर्तमान में शुल्क का भुगतान वार्षिक आधार पर किया जाता है।
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि लाइसेंस शुल्क दूरसंचार क्षेत्र की तरह होगा।
अग्रणी डीटीएच सेवा प्रदाताओं ने सरकार के इस कदम की सराहना की है। उनका कहना है कि 20 साल के लिए लाइसेंस मिलना लाभकारी होगा क्योंकि इसमें काफी ज्यादा पूंजी निवेश करना होता है, साथ ही इससे उद्योग में स्थायित्व आएगा।
इसके साथ ही डीटीएच को बुनियादी क्षेत्र के तौर पर माना गया है। टाटा स्काई के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी हरित नागपाल ने कहा कि डीटीएच लाइसेंस नीति में बदलाव की लंबे समय से मांग की जा रही थी, जिसे अब पूरा कर दिया गया है। लेकिन डीटीएच उद्योग केबल टीवी के बराबर लाइसेंस शुल्क चाह रहा है।
हालांकि उद्योग का एक धड़ा लाइसेंस शुल्क में कम कटौती से खुश नहीं है। उनका कहना है कि सरकार ने पहले कहा था कि डीटीएच ऑपरेटरों के लिए लाइसेंस शुल्क सकल राजस्व का 6 फीसदी होगा। लेकिन ट्राई ने लाइसेंस शुल्क 8 फीसदी रखने की सिफारिश की, जिसमें सेवा कर, मनोरंजन कर और बिक्री कर/वैट आदि शामिल नहीं हैं। ट्राई के आंकड़ों के अनुसार 31 मार्च का समाप्त तिमाही में देश में भुगतान करने वाले डीटीएच ग्राहकों की संख्या 7.24 करोड़ थी। यह दूरदर्शन की मुफ्त डीटीएच सेवाओं से इतर ग्राहकों की संख्या है।
डीटीएच बाजार में टाटा स्काई की हिस्सेदारी 32.33 फीसदी, डिश टीवी की 29.49 फीसदी है। भारती टेलीमीडिया की 23.65 फीसदी और सन डायरेक्ट की बाजार हिस्सेदारी 14.53 फीसदी है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने डीटीएच क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेश निवेश की बात कही थी लेकिन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के दिशानिर्देशों के कारण यह 49 फीसदी तक सीमित था। दिशानिर्देशों में संशोधन से अब इस क्षेत्र में 100 फीसदी प्रत्यक्ष विदेश निवेश हो सकेगा। डीटीएच संचालकों को उनके द्वारा दिखाए जाने वाले कुल अनुमति प्राप्त प्लेटफॉर्म चैनलों की क्षमता से अधिकतम 5 फीसदी के संचालन की अनुमति दी जाएगी।

First Published - December 23, 2020 | 11:26 PM IST

संबंधित पोस्ट