सरकार बंबई के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान की मदद से गेमिंग और विजुअल इफेक्ट्स के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज यह बात कही। वह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित एक वर्चुअल मनोरंजन शिखर सम्मेलन में बोल रहे थे।
जावडेकर ने कहा कि मंत्रालय ने एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग एवं कॉमिक्स (एवीजीसी) क्षेत्र को एक उभरते हुए उद्योग के रूप में पहचान की है। उन्होंने कहा कि यह उत्कृष्टता केंद्र पेशेवर प्रशिक्षण एवं शैक्षणिक पाठ्यक्रम के जरिये कौशल में खाई को पाटने का काम करेगा। इस क्षेत्र की सालाना वृद्धि दर 29 से 30 फीसदी होने का अनुमान है और इसके बावजूद वैश्विक एवीजीसी बाजार में घरेलू एवीजीसी उद्योग की हिस्सेदारी 2.69 अरब डॉलर (करीब 20,000 करोड़ रुपये) पर महज 1 फीसदी है। सम्मेलन के दौरान सीआईआई की ओर से जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। जावडेकर ने कहा कि भारतीय एवीजीसी पेशेवरों ने विदेशी फिल्म निर्माताओं को बैकएंड सहारा दिया है और वे भारतीय परियोजनाओं में भी शामिल रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अब हमारे अपने फिल्म उद्योग के लिए कहीं अधिक काम करने का समय आ गया है।’ उन्होंने कहा कि एवीजीसी फिल्म निर्माण को एक नया आयाम प्रदान कर सकता है।
मनोरंजन में एवीजीसी की भूमिका का महत्त्व बढ़ रहा है क्योंकि रिलायंस जियो जैसी भारतीय दूरसंचार कंपनियां अगले साल तक 5जी सेवाओं को चालू करने की तैयारी कर रही है। कोविड वैश्विक महामारी ने डिजिटल सामग्री और ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफार्मों के विकास में तेजी लाई है।
ऐसे में भारतीय उपभोक्ता अपनी मनोरंजन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए स्मार्टफोन तेजी से बदल रहे हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारतीय फिल्मों के पैमाने और उत्पादन मूल्य में भी वृद्धि हुई है क्योंकि उपभोक्ता काफी व्यापक अनुभव चाहते हैं। इन सब ने घरेलू एवीजीसी क्षेत्र के विकास के लिए काफी संभावनाएं प्रदान की हैं।
