IT कंपनियां अपने कर्मचारियों को इस साल औसत 3-6% तक ही सैलरी हाइक दे सकती हैं। HR एक्सपर्ट ने इसका अनुमान लगाया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके साथ ही इस साल IT सेक्टर में लोगों द्वारा नौकरी छोड़ने की दर भी लगभग 12-13 प्रतिशत रहने की संभावना है। यह ऐसे समय में हो रहा है जब कंपनियों में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर लगातार बढ़ रही है। हालांकि टॉप कंपनियों ने वित्त वर्ष 2025 (Q3FY25) की तीसरी तिमाही में अच्छी कमाई की है। इंडस्ट्री विशेषज्ञों का कहना है कि यह मांग-आधारित बाजार बदलाव का संकेत नहीं है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस साल IT सेक्टर में कर्मचारियों की छंटनी दर 12-13 प्रतिशत के आसपास रहने की उम्मीद है।
एक्सफिनो (Xpheno) नामक विशेष स्टाफिंग फर्म के सह-संस्थापक कमल करंथ ने कहा, ” वेतन में अधिक बढ़ोतरी आमतौर पर यह दिखाती है कंपनी की कमाई अच्छी हुई है। लेकिन अभी जो कंपनी को राजस्व मिल रहा है और सुधार की संभावनाओं को देखते हुए, सैलरी में संभावित बढ़ोतरी 3 से 6 प्रतिशत के बीच ही रहेगी।”
हालांकि, अच्छा अच्छा प्रदर्शन करने वाले कुछ कर्मचारियों के वेतन में अच्छी बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन करंथ ने चेतावनी दी कि अधिकांश कर्मचारियों को मुद्रास्फीति को ध्यान में रखकर “सीमित बढ़ोतरी” के लिए तैयार रहना चाहिए। हाल के समय में, वैश्विक अनिश्चितता और मांग में दबाव के कारण कई कंपनियां पारंपरिक वेतन बढ़ोतरी सर्किल से हट रही हैं।
IT सेक्टर में कई कंपनियों के लिए मूल्यांकन का समय आमतौर पर अप्रैल-जून के बीच होता है, लेकिन अब यह कई मामलों में तीसरी तिमाही यानी सितंबर-अक्टूबर की समय-सीमा तक बढ़ाया जा रहा है।
भारत की सबसे बड़ी IT सेवा कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए मूल्यांकन शुरू कर दिया है। यह कुछ चुनिंदा कंपनियों में से एक है जो अभी भी पारंपरिक समय-सीमा को बनाए रख रही है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 (FY25) में कर्मचारियों के लिए औसतन 7-8 प्रतिशत की वेतन वृद्धि की घोषणा की, जबकि टॉप परफॉर्मेंस को डबल डिजिट में हाइक मिलेगी। कंपनी को जब इस प्रक्रिया के बारे में जानने के लिए ईमेल भेजा गया तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया।
इन्फोसिस (Infosys) के मामले में, वित्त वर्ष 2025 (FY25) के लिए वेतन में बढ़ोतरी दो पार्ट में हुई। जूनियर कर्मचारियों को जनवरी में मूल्यांकन मिला, जबकि बाकी कर्मचारियों को अप्रैल में मिलेगा। इंफोसिस के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) ने संकेत दिया कि भारत में वेतन वृद्धि औसतन 6-8 प्रतिशत के बीच होगी।
एक्सफिनो के डेटा के अनुसार, IT सेक्टर अभी भी भर्ती के मामले में पूरी तरह से उबर नहीं पाया है। सितंबर-अक्टूबर 2024 में टैलेंट की मांग में थोड़ी बढ़ोतरी के बाद, अब यह फिर से धीमी हो गई है। अभी IT सेक्टर में चार सप्ताह की नई नौकरियों की संख्या 1,22,000 से थोड़ी अधिक है। यह ध्यान देने योग्य है कि IT सेवा सेक्टर टैलेंट हायरिंग के मामले में अभी पूरी तरह से सामान्य नहीं हुआ है।
जुलाई 2022 से, जब मंदी शुरू हुई थी, इस सेक्टर में सक्रिय भर्ती की संख्या 100,000 से अधिक नहीं हुई है। महामारी के बाद की भर्ती में, यह आंकड़ा 1,40,000 से 1,50,000 के बीच था।
टीमलीज डिजिटल (TeamLease Digital) के IT स्टाफिंग वाइस प्रेसिडेंट कृष्णा विज ने कहा, “सभी कंपनियां काफी सतर्क हैं, और उनका मुख्य ध्यान लागत को संतुलित करने और टैलेंट को बनाए रखने पर है। मुझे लगता है कि ज्यादातर IT कंपनियां सैलरी में सीमित बढ़ोतरी करेगी और इसकी जगह अधिक ध्यान वेरिएबल पे (variable pay) पर देंगी। हालांकि, अच्छा काम करने वाले कर्मचारियों को कंपनी में बनाए रखने पर भी कंपनियों का ध्यान रहेगा।”
एक्सपर्ट्स ने बताया कि पिछले कुछ तिमाहियों में कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर में मामूली बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह मांग-आधारित वेतन वृद्धि का संकेत नहीं है।
TCS ने वित्त वर्ष 2025 (Q3FY25) की तीसरी तिमाही में 13 प्रतिशत की छंटनी दर दर्ज की, हालांकि इसका कुल कर्मचारी हेड काउंट 5,000 की कमी के साथ घटा। दूसरी तिमाही (Q2FY25) में TCS की छंटनी दर 12.3 प्रतिशत थी। इसी तरह, इंफोसिस (Infosys) में वित्त वर्ष 2025 (Q3FY25) की तीसरी तिमाही में छंटनी दर 13.7 प्रतिशत रही, जो पिछली तिमाही (Q2FY25) में 12.9 प्रतिशत थी। बेंगलुरु स्थित विप्रो (Wipro) की छंटनी दर पिछली तिमाही के 14.5 प्रतिशत से बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गई। विप्रो का कुल कर्मचारी हेड काउंट 1,157 कम हुआ, जबकि एचसीएल टेक (HCLTech) की छंटनी दर 13.2 प्रतिशत तक पहुंच गई।
HR एक्सपर्ट्स ने हालांकि यह स्पष्ट किया कि कर्मचारी छोड़ने से जुड़ी टैलेंट गतिविधि आमतौर पर वेतन बढ़ोतरी को प्रभावित नहीं करती, जब तक कि यह मुख्य टैलेंट को बनाए रखने के लिए न की जाए। मौजूदा बाजार स्थितियों में इस तरह की भर्तियां बहुत कम और सीमित रहेंगी।
करंथ कहते हैं कि चूंकि “टैलेंट हायरिंग की कोई बड़ी प्रतिस्पर्धा” नहीं है, इसलिए कंपनियां वेतन बढ़ाने के लिए किसी भी प्रकार के दबाव में नहीं हैं। इस सेक्टर में वेतन वृद्धि हमेशा उनके प्रदर्शन और अन्य चीजों पर निर्भर करती हैं।
TCS में वरिष्ठ अधिकारियों का परिवर्तनीय वेतन 20-30 प्रतिशत तक काटा गया है। परिवर्तनीय वेतन आमतौर पर कंपनी और व्यवसाय इकाई के प्रदर्शन पर निर्भर करता है।
एक IT कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम सभी जानते हैं कि कुछ सेक्टरों पर दबाव है, खासकर वित्त सेवाएं और विनिर्माण (manufacturing) सेक्टर। यदि कोई व्यवसाय इकाई अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही है, तो कोई कर्मचारी 100 प्रतिशत परिवर्तनीय वेतन कैसे प्राप्त कर सकता है? इसे कम किया जाएगा।”
TCS में जूनियर कर्मचारियों को 100 प्रतिशत परिवर्तनीय वेतन का भुगतान किया गया है। जो कर्मचारी इससे वंचित रहे, वह उनकी उपस्थिति और प्रदर्शन पर निर्भर करता है। जैसे-जैसे भारतीय IT सेक्टर सतर्क भर्ती और नियंत्रित वेतन वृद्धि के इस दौर से गुजर रहा है, कर्मचारियों को अपनी उम्मीदें बदलनी पड़ सकती हैं। जहां कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को अच्छी बढ़ोतरी मिलेगी, वहीं अधिकतम लोगों के साथ मिला-जुला मामला रहेगा।