केंद्र सरकार ने आज 4जी स्पेक्ट्रम नीलामी को मंजूरी दे दी, जिसके तहत 2,251 मेगाहट्र्ज एयरवेव्स की पेशकश से खजाने में 3.92 लाख करोड़ रुपये आने की संभावना है। वहीं 5जी स्पेक्ट्रम को अभी इस पेशकश से बाहर रखा गया है।
यह नीलामी मार्च 2021 में होगी और इस महीने के आखिर तक आवेदन मंगाने के लिए नोटिस (एनआईए) जारी होने की संभावना है। इसके पहले अक्टूबर 2016 में स्पेक्ट्रम की नीलामी की गई थी, जिससे सरकार को 65,789 करोड़ रुपये की कमाई हुई थी।
कैबिनेट के फैसलों की मीडिया को जानकारी देते हुए टेलीकॉम और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘मंत्रिमंडल द्वारा यह फैसला किया गया है कि 2,251 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम की नीलामी मार्च 2021 तक की जाएगी।’ जिन बैंडों की पेशकश की जाएगी उनमें 700 मेगाहट्र्ज, 800 मेगाहट्र्ज, 900 मेगाहट्र्ज, 1,600 मेगाहट्र्ज, 2,100 मेगाहट्र्ज, 2,300 मेगाहट्र्ज और 2,500 मेगाहट्र्ज शामिल हैं।
3,300 मेगाहट्र्ज से 3,600 मेगाहट्र्ज बैंड या 5जी स्पेक्ट्रम बैंड इसमें शामिल नहीं है। 5जी स्पेक्ट्रम का आधार मूल्य करीब 3.63 लाख करोड़ रुपये है।
इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘लुभावने 5जी बैंड को अलग रखा गया है। अभी की पेशकश संभवत: सरकार की धन जुटाने की योजना का मकसद पूरा नहीं कर सकेगी।’
उद्योग 4जी नीलामी पर जोर दे रहा है क्योंकि कुछ बैंडों के लाइसेंस की अवधि 2021 में खत्म हो रही है।
दूरसंचार विभाग के निर्णय लेने वाले निकाय डिजिटल संचार आयोग ने मई में स्पेक्ट्रम नीलामी योजना को मंजूरी दी थी, जो कैबिनेट के विचाराधीन था।
एमएसटीसी को स्पेक्ट्रम नीलामी का काम सौंपा गया है। सार्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम ने इसके पहले 2015 में कोयले की नीलामी कराई थी, जो उच्चतम न्यायालय द्वारा सितंबर 2014 में कोयले का आवंटन रद्द किए जाने के बाद हुई थी। यह केंद्र व राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों के लिए भी नीलामी कराता है।