सरकारी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का एकीकृत शुद्ध लाभ सितंबर तिमाही में करीब 17 गुने की उछाल के साथ 6,165 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। मुख्य रूप से इन्वेंट्री और विदेशी विनिमय के फायदे से कंपनी का लाभ बढ़ा है। पिछले साल की समान अवधि में कंपनी का शुद्ध लाभ 370 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि कंपनी की कुल आय इस अवधि में 13 फीसदी की गिरावट के साथ 1.17 लाख करोड़ रुपये रह गई।
आईसीसी के निदेशक (वित्त) संदीप कुमार गुप्ता ने कहा, तिमाही के दौरान कंपनी का इन्वेंट्री से फायदा 7,400 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में 1,807 करोड़ रुपये का इन्वेंट्री नुकसान हुआ था। इसी तरह विदेशी विनियम का फायदा 672 करोड़ रुपये रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में इस पर 1,135 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
सकल रिफाइनिंग मार्जिन इस अवधि में 8.62 डॉलर प्रति बैरल रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.28 डॉलर प्रति बैरल रहा था। जीआरएम का मतलब प्रति बैरल कच्चे तेल को र्ईंधन में बदलने पर रिफाइनर को मिलने वाला फायदा।
कंपनी के निदेशक मंडल ने करीब 5,000 करोड़ ररुपये के निवेश को मंजूरी दी, जिसमें चेन्नई में 1,400 करोड़ रुपये का ल्यूब ब्लेंडिंग यूनिट शामिल है। कंपनी के चेयरमैन एस एम वैद्य ने कहा, हमने काफी विस्तार की योजना बनाई है, जिसमें गुजरात, पानीपत और पारादीप में होने वाला विस्तार शामिल है। आज 5,000 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी गई है जो अगले वित्त वर्ष में खर्च होगा। कंपनी के ऊपर दूसरी तिमाही के आखिर में 85,600 करोड़ रुपये का कर्ज था।
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए तय 23,232 करोड़ रुपये का 34 फीसदी यानी 7,872 करोड़ रुपये खर्च पहले छह महीने में किया जा चुका है। आईओसी ने छह महीने में 35,403 मिलियन टन उत्पादों (निर्यात समेत) की बिक्री की।
करूर वैश्य बैंक का लाभ 81 फीसदी बढ़ा
निजी क्षेत्र के करूर वैश्य बैंक (केवीबी) का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 81.4 फीसदी बढ़कर 114.89 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। बैंक ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। बैंक ने कहा कि साल भर पहले की समान तिमाही में उसे 63.33 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। बैंक ने बताया कि इस दौरान उसकी कुल आय साल भर पहले के 1,815.24 करोड़ रुपये से कम होकर 1,666.26 करोड़ रुपये पर आ गई। ब्याज से आय भी 1,537.51 करोड़ रुपये से कम होकर 1,394.70 करोड़ रुपये पर आ गई। इस दौरान बैंक की परिसंपत्ति की गुणवत्ता में सुधार हुआ। बैंक की सकल गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) साल भर पहले के 8.89 फीसदी से कम होकर 7.93 फीसदी पर आ गई। मूल्यों के संदर्भ में सकल एनपीए 4,391.03 करोड़ रुपये से कम होकर 3,998.43 करोड़ रुपये पर आ गया।
डीएलएफ के मुनाफे
में भारी गिरावट
रियल एस्टेट दिग्गज डीएलएफ का शुद्घ लाभ सितंबर तिमाही में 49 प्रतिशत घटा है। दिल्ली की इस कंपनी ने सितंबर तिमाही में 227.8 करोड़ रुपये का शुद्घ लाभ दर्ज किया जो पिछले साल की समान तिमाही के 443.4 करोड़ रुपये से कम है। कोविड-19 महामारी की वजह से पैदा हुए दबाव से कंपनी का राजस्व भी प्रभावित हुआ है। परिचालन से समूह का समेकित राजस्व सालाना आधार पर 1,715.5 करोड़ रुपये से 6 प्रतिशत घटकर 1,609.8 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि जब पूर्ववर्ती तिमाही से तुलना की जाए तो कंपनी का प्रदर्शन बेहतर दिख रहा है। अप्रैल-जून में कंपनी ने 72 करोड़ रुपये का शुद्घ नुकसान दर्ज किया था और उसका परिचालन राजस्व 59 प्रतिशत तक घटकर 549 करोड़ रुपये रह गया था। स्टैंडएलॉन आधार पर, सितंबर तिमाही में डीएलएफ का वित्तीय प्रदर्शन कमजोर बना रहा। जहां उसकी कुल बिक्री में 48.5 प्रतिशत की कमी आई, वहीं शुद्घ लाभ पर भारी दबाव देखा गया।
धानुका एग्रीटेक का शुद्ध लाभ बढ़ा
कृषि रसायन बनाने वाली कंपनी धानुका एग्रीटेक का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर में 17 फीसदी बढ़कर 70.08 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने कहा कि इससे पूर्व वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में उसे 59.99 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। धानुका एग्रीटेक की आय चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 450.61 करोड़ रुपये रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 406.83 करोड़ रुपये थी। कंपनी का खर्च आलोच्य तिमाही में 356.91 करोड़ रुपये रहा जो एक साल पहले 2019-20 की दूसरी तिमाही में 334.97 करोड़ रुपये रहा था। दिल्ली की कंपनी ने कहा कि 1,000 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 10 लाख इक्विटी शेयर की पुनर्खरीद प्रक्रिया 20 अक्टूबर से शुरू हुई और तीन नवंबर तक चलेगी।
एलटी फूड्स का शुद्ध लाभ 63 फीसदी बढ़ा
बासमती चावल का विपणन करने वाली कंपनी एलटी फूड्स का एकीकृत शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में 63 फीसदी बढ़कर 77.46 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इस दौरान उसकी शुद्ध आय साल भर पहले के 984.35 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,218.15 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इस दौरान व्यय भी 920.84 करोड़ रुपये से बढ़कर 1,108.87 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए 0.50 रुपये प्रति शेयर की दर से अंतरिम लाभांश देने की भी घोषणा की।
जेएसपीएल का घाटा बढ़ा
जिंदल स्टील ऐंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) का कुल एकीकृत घाटा जुलाई-सितंबर तिमाही में और बढ़कर 706.49 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने शुक्रवार को एक बयान में यह जानकारी दी। पिछले वित्त वर्ष 2019-20 की इसी तिमाही में कंपनी का एकीकृत घाटा 399.31 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में उसकी कुल एकीकृत आय बढ़कर 9,137.43 करोड़ रुपये हो गई। पिछले साल इस अवधि में यह 7,688.62 करोड़ रुपये थी। बयान में कंपनी ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही देश में पूरे इस्पात उद्योग के लिए सही रही है। लॉकडाउन के बाद देश में माहौल सामान्य हो रहा और घरेलू मांग का बढ़ रही है। समीक्षावधि में कंपनी का इस्पात उत्पादन एकल आधार पर 18.4 करोड़ टन और बिक्री 19.3 करोड़ टन रहा। यह कंपनी का सर्वाेच्च उत्पादन एवं बिक्री स्तर है। कंपनी का निर्यात इस अवधि में 7.4 लाख टन रहा। एजेंसियां