माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांत (Vedanta) के शेयरों पर देसी और विदेशी फंड हाउस बुलिश हैं। डिमर्जर योजनाओं, बकाया कम करना और धातु की बढ़ती कीमतों के कारण कंपनी के शेयरों में हालिया तेजी इसकी मुख्य वजह है।
मार्केट एक्सपर्ट्स ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े परिसंपत्ति प्रबंधक ब्लैकरॉक (Blackrock), अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (ADIA) समेत आईसीआईसीआई म्यूचुअल फंड और निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड जैसे घरेलू म्यूचुअल फंड ने पिछले चार महीनों के दौरान वेदांत में अपनी हिस्सेदारी लगभग 2 फीसदी बढ़ाई है। इसी अवधि के दौरान विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने ग्रुप में अपनी हिस्सेदारी 1.2 फीसदी बढ़ाई है।
एक विदेशी ब्रोकरेज हाउस के डीलर के अनुसार, “वेदांत में खरीदारी में काफी रुचि देखी गई है। कई विदेशी और घरेलू निवेशकों ने मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के कारण अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है।” यह ऐसे समय में आया है जब वेदांत का शेयर लगभग 30 प्रतिशत बढ़ गया है, जिससे दिसंबर के बाद से इसके बाजार पूंजीकरण में लगभग 3 अरब डॉलर का इजाफा हुआ है।
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वेदांत का शेयर 5 अप्रैल 2024 यानी शुक्रवार को इंट्रा डे ट्रेड में 3 फीसदी से ज्यादा चढ़कर 322 रुपये के 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए। पिछले पांच ट्रेडिंग सत्रों (1 अप्रैल से 5 अप्रैल) के दौरान कंपनी का शेयर 15 फीसदी से ज्यादा बढ़ा।
वेदांत ग्रुप ऋण प्रतिभूतियों (debt securities) के माध्यम से 2,500 करोड़ रुपये जुटाएगी। कंपनी के बोर्ड ने गुरुवार (4 अप्रैल) को हुई अपनी बैठक में रकम जुटाने को मंजूरी दी। कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि प्राइवेट प्लेसमेंट के आधार पर गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (non-convertible debentures) जारी करके धन जुटाया जाएगा। हालांकि अरबपति अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में इस बात का उल्लेख नहीं किया कि धन का उपयोग किस लिए किया जाएगा।
ग्लोबल स्तर पर बढ़ रही मेटल की कीमतों के अनुरूप है जो कई कारकों के कारण बढ़ रही है। चीन के मजबूत औद्योगिक आंकड़ों ने छह महीने में पहली बार विनिर्माण गतिविधि में विस्तार का संकेत दिया है। चूंकि चीन कई धातुओं का सबसे बड़ा उपभोक्ता है, मजबूत आर्थिक आंकड़ों के कारण मेटल शेयरों में तेजी आई है, जिसमें वेदांत भी शामिल है, जो लौह अयस्क, स्टील, तांबा और एल्यूमीनियम का एक प्रमुख उत्पादक और आपूर्तिकर्ता है।
वित्त वर्ष 2024 (अप्रैल 2023 से मार्च 2024) में वेदांत का EBITDA लगभग 5 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। इसी तरह, वेदांत समूह अगले वित्तीय वर्ष (FY25) में 6 अरब डॉलर के EBITDA पर नजर गड़ाए हुए है और व्यवसायों में परिचालन क्षमता के आधार पर इसे अगले वर्ष 7-7.5 अरब डॉलर तक बढ़ा सकता है।
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समाचार एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कंपनी एल्युमीनियम सहित अपने प्रमुख व्यवसायों को अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में विभाजित करने और अलग की गई संस्थाओं में ऋण के आवंटन की राह पर है। बता दें कि पिछले साल सितंबर में, वेदांत ने पुनर्गठन के तहत मेटल, बिजली, एल्यूमीनियम और तेल और गैस कारोबार को अलग करने की घोषणा की थी।
प्रस्तावित योजना के पूरा होने के बाद 6 नई लिस्टेड कंपनियां- वेदांत एल्युमीनियम, वेदांत ऑयल ऐंड गैस, वेदांत पावर, वेदांत स्टील ऐंड फेरस मटेरियल्स, वेदांत बेस मेटल्स और वेदांत लिमिटेड बनाई जाएंगी। वेदांता के प्रत्येक शेयर के लिए शेयरधारकों को पांच नई लिस्टेड कंपनियों में से प्रत्येक का एक शेयर मिलेगा। डीमर्जर के बाद हिंदुस्तान जिंक के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार भी वेदांत लिमिटेड के पास रहेगा।
(PTI के इनपुट के साथ)