शीर्ष उद्यम पूंजी निवेशकों और स्टार्टअप (startups) ने ऐंजल टैक्स (angel tax) नियमों में बदलाव करने के सरकार के प्रस्ताव का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इस कदम से स्टार्टअपों को रकम जुटाने की कवायद में मौजूदा नरमी से निपटने में मदद मिलने के आसार हैं।
सरकार ने उन विदेशी इकाइयों को भी अधिसूचित किया है, जिन्हें कर प्रावधानों से छूट दी जाएगी। इन इकाइयों में सरकार और सरकार से संबंधित निवेशक शामिल हैं, जैसे केंद्रीय बैंक, सॉवरिन वेल्थ फंड, अंतरराष्ट्रीय या बहुपक्षीय संगठन या एजेंसियां, जिनमें सरकार द्वारा नियंत्रित इकाइयां अथवा जिनमें सरकार का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष स्वामित्व 75 प्रतिशत या इससे अधिक हो।
ब्लूम वेंचर्स के प्रबंध साझेदार और इंडियन वेंचर ऐंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन (आईवीसीए) के चेयरपर्सन कार्तिक रेड्डी ने कहा कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) और वित्त मंत्रालय की अधिसूचना पर निजी इक्विटी और उद्यम पूंजी उद्योग की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है क्योंकि यह धारा 56(2)(7बी) के संबंध में भारतीय स्टार्टअप और निवेशकों को अधिक स्पष्टता प्रदान करती है।
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रेड्डी ने कहा ‘प्रस्तावित नियमों का मकसद मूल्यांकन पद्धति का विस्तार करना तथा निवासी और अनिवासी निवेशकों के बीच मूल्य अंतर को खत्म करना है।’ उन्होंने कि हम उद्योग की चिंताओं पर सक्रिय रूप से ध्यान देने और छूट प्राप्त सूची में संस्थागत निवेशकों की विस्तृत श्रृंखला को स्वीकार करने के लिए वित्त मंत्रालय को धन्यवाद देते हैं। यह समावेशी दृष्टिकोण देश में चल रहे निवेश में मदद प्रदान करेगा।
CBDT ने स्पष्टता लाने और कर विवादों को समाप्त करने के लिए स्टार्टअपों में विदेशी निवेशकों द्वारा किए जाने वाले निवेश पर ऐंजल टैक्स प्रावधान के तहत मूल्यांकन के तरीकों में विस्तार किया है।
एडटेक स्टार्टअप कैंपस 365 के सह-संस्थापक मयंक सिंह ने कहा कि पांच और विकल्पों को शामिल करने के लिए मूल्यांकन के तरीकों में विस्तार करने से निवासी और अनिवासी दोनों निवेशकों को बेहतर लचीलापन मिलेगा। उन्होंने कहा कि इससे कंपनियों को वैश्विक निवेश आकर्षित करने और विकास को बनाए रखने में मदद मिलेगी।