फिनटेक कंपनियों (Fintech Firms) ने कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही के दौरान फंडिंग में 2023 की पहली छमाही की तुलना में बड़ी गिरावट दर्ज की। कैलेंडर वर्ष 2024 की पहली छमाही में फिनटेक कंपनियों में निवेश 79.5 करोड़ डॉलर रहा जो 2023 की पहली छमाही में इस क्षेत्र को मिली 1.93 अरब डॉलर की पूंजी के मुकाबले 59 प्रतिशत कम है।
मार्केट इंटेलीजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की जियो एनुअल इंडिया फिनटेक रिपोर्ट एच1 2024 के आंकड़ों के अनुसार छमाही आधार पर भी फिनटेक क्षेत्र में निवेश 2023 की दूसरी छमाही के 89.67 करोड़ डॉलर के मुकाबले 11 प्रतिशत घट गया।
फंडिंग राउंड की संख्या 2023 की पहली छमाही के 140 राउंड से घटकर 2024 की पहली छमाही में 91 तक आ गई । छमाही आधार पर भी फंडिंग राउंड 2023 की दूसरी छमाही 113 के मुकाबले घटे हैं। फंडिंग में कमी के बावजूद देश का फिनटेक फंडिंग मार्केट अमेरिका और ब्रिटेन के साथ वैश्विक रैंकिंग में शीर्ष-3 में बना हुआ है।
प्रमुख फंडिंग राउंड में सीरीज डी में वित्तीय सेवा कंपनी क्रेडिट सैसन द्वारा जुटाई गई 14.4 करोड़ डॉलर की पूंजी, शैक्षिक ऋण प्लेटफॉर्म अवांसे द्वारा सीरीज सी राउंड में जुटाई गई 12 करोड़ डॉलर की रकम शामिल है। 2024 की पहली छमाही में एकमात्र यूनिकॉर्न रही परफियोस ने सीरीज डी फंडिंग राउंड में 8 करोड़ डॉलर जुटाए।
फिनटेक क्षेत्र में 2024 की पहली छमाही के दौरान पांच कंपनियां सूचीबद्ध हुईं जबकि 2023 की पहली छमाही में कोई आईपीओ नहीं आया था। अधिग्रहणों की संख्या भी इस अवधि में 18 से घटकर 6 रह गई।
फिनटेक में निवेश करने वाले प्रमुख निवेशकों में पीक एक्सवी पार्टनर्स, वाई कॉम्बिनेटर और लेट्सवेंचर मुख्य रूप से शामिल हैं। वेंचर कैटालिस्ट्स, वाई कॉम्बिनेटर और बीनेक्स्ट ने शुरुआती निवेश की अगुआई की। पीक एक्सवी पार्टनर्स, सोरिन और कुओना शुरुआती चरण के निवेश में प्रमुख निवेशक थे।
ट्रैक्सन की सह-संस्थापक नेहा सिंह ने कहा, ‘वैश्विक फंडिंग में सुस्ती के बावजूद भारत के फिनटेक तंत्र में सक्रियता और और सकारात्मक बदलाव दिख रहे हैं। फंडिंग में मंदी स्टार्टअप्स और निवेशकों के बीच सतर्क दृष्टिकोण और रणनीतिक योजना की जरूरत दर्शाती है।’