पायलटों, चालक दल के सदस्यों (cabin crew members) और विमानन क्षेत्र के अन्य प्रमुख कर्मचारियों की कमी अनुमान या अभी दिखने वाली कमी की तुलना में कहीं ज्यादा गंभीर है। विमानन सलाहकार फर्म कापा इंडिया (CAPA India) ने आज यह जानकारी दी। इसके अलावा भारतीय विमानन कंपनियां साल 2024-25 के दौरान अपने बेड़े में 82 और विमान शामिल करेंगी, जिससे देश में वाणिज्यिक विमानों की कुल संख्या बढ़कर 812 हो जाएगी।
विस्तारा (Vistara) ने मार्च से अप्रैल के दौरान पायलटों के एक समूह द्वारा ली गई बीमारी की छुट्टी के कारण अपनी 10 फीसदी उड़ानें रद्द कर दी थीं। विमानन कंपनी का एयर इंडिया (Air India) में विलय किया गया था। इसके तहत उन्हें दिए जाने वाले वेतन के नए पैकेज और काम के सख्त शेड्यूल के कथित असंतोष के बीच उन्होंने ऐसा किया था। पिछले साल सितंबर में अकासा एयर (Akasa Air) को करीब 24 दैनिक उड़ानें रद्द करने के लिए विवश होना पड़ा था क्योंकि लगभग 43 पायलटों ने प्रतिस्पर्धी विमानन कंपनी में जाने के लिए नोटिस की जरूरी अवधि पूरी किए बिना अचानक इस्तीफा दे दिया था।
CAPA India के मुख्य कार्य अधिकारी और निदेशक (CEO & Director) कपिल कौल ने कंपनी के वार्षिक शिखर सम्मेलन में कहा कि पायलटों, AME (विमान रखरखाव इंजीनियरों), चालक दल, फ्लाइट डिस्पैचर आदि की कमी मौजूदा अनुमान या अभी जो दिख रही है, उसकी तुलना में कहीं ज्यादा गंभीर है। संभवतः इस वर्ष नए FDTL दिशानिर्देशों की शुरूआत और पश्चिम एशियाई विमानन कंपनियों द्वारा प्रतिस्पर्धी कंपनियों के कर्मियों की भर्ती से कार्मिक किल्लत और बढ़ने के आसार हैं।
कौल ने कहा कि इसके अलावा कर्मचारियों को बेहतर कार्य प्रणाली तथा अधिक उत्पादकता मानदंडों के अनुरूप बनाने से वेतन भत्तों में अंतर आएगा, जो प्रदर्शन से जुड़े होते हैं। हालांकि इससे अल्पकालिक परेशानी हो सकती है, लेकिन दीर्घकालिक उत्पादकता लाभ होगा।
कौल ने उम्मीद जताई कि विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस साल 2024-25 के दौरान अपने घाटे में खासी कमी करेंगी। साल 2023-24 में उद्योग का औसत किराया लगभग साल 2022-23 के समान ही था। उन्होंने कहा, ‘साल 2023-24 में इंडिगो (IndiGo) का औसत हवाई किराया साल 2022-23 की तुलना में केवल 1.3 फीसदी अधिक था लेकिन यह साल 2019-20 की तुलना में 36 फीसदी अधिक रहा।’
कौल ने कहा कि विमानन कंपनियां पहली बार तर्कसंगत मूल्य निर्धारण व्यवस्था का अनुसरण कर रही हैं, जिसे पिछले 12 से 18 महीने से कायम रखा गया है। उन्होंने कहा कि उद्योग ने दिसंबर 2023 में रिकॉर्ड प्रतिफल (प्रति किलोमीटर प्रति सीट राजस्व) हासिल किया है।