तमिलनाडु भारत में एआई क्रांति के मामले में अन्य राज्यों से एक कदम आगे बढ़ रहा है। वह पूरे राज्य में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) प्रयोगशालाओं की योजना बनाने से लेकर एआई के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने पर काम कर रहा है। इसके लिए वैश्विक बड़ी कंपनियों को शामिल करने, एआई के लिए समर्पित मिशन बनाने और गूगल, पेपाल, एप्लाइड मैटेरियल्स, एमेजॉन वेब सर्विसेज जैसी वैश्विक बड़ी कंपनियों और कई अन्य निवेशकों को शामिल करने की तैयारी की जा रही है और चेन्न-एआई इसका केंद्र है।
पिछले पखवाड़े तमिलनाडु सरकार ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) प्रारूप के तहत कोयंबत्तूर में एआई के लिए 20 लाख वर्ग फुट की इकाई स्थापित करने का ऐलान किया और एआई की अपनी महत्वाकांक्षाओं का कई शहरों तक ले जाने के लिए बड़ी छलांग लगाई।
यही ही नहीं, बल्कि अनुप्रयोग के स्तर पर भी राज्य दूसरों से आगे है। राज्य 3,000 सरकारी स्कूलों और दफ्तरों में चेहरे से हाजिरी लगाने की प्रणाली, किसानों को ताजा जानकारी में मदद के लिए एआई का इस्तेमाल, चेन्नई में यातायात व्यवस्था में सुधार और महत्वाकांक्षी ई-पारवई प्रणाली की शुरुआत के लिए भी कदम बढ़ा रहा है। ई-पारवाई व्यक्ति की आंख में मोतियाबिंद का पता लगाने के लिए एआई वाली इंटेलिजेंस मोबाइल ऐप्लिकेशन है। गूगल ने तमिलनाडु एआई लैब्स की स्थापना की पहल की है जिससे राज्य को बड़ा फायदा होगा। यह गूगल की वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी प्रयोगशालाओं में से एक है।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाल में राज्य के प्रमुख प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन ‘यूमैजिन टीएन-2025’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘तमिलनाडु उद्योगों, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और अन्य उभरते क्षेत्रों को बढ़ावा देने में हमेशा दूसरों से आगे रहा है। प्रौद्योगिकी में उभरते बदलावों के अनुरूप राज्य सरकार एआई, ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे परिवर्तनकारी क्षेत्रों को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही है।’
सरकार एआई लैब इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस के लिए उत्कृष्टता केंद्र भी स्थापित कर रही है। स्टार्टअप, शिक्षाविदों और अन्य पक्षकारों को एआई के संबंध में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए रियायती शुल्क पर एआई लैब उपलब्ध कराए जाएंगी।
सूत्रों के अनुसार इन कंपनियों की दिलचस्पी से चेन्नई में एआई-सक्षम परिवहन प्रणाली से क्रांति आ सकती है। यह उपनगरीय रेल को एक मंच के तहत बसों और टैक्सी सेवाओं से जोड़ सकता है। गूगल ने राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों से शुरुआत करते हुए पाठ्यक्रम-आधारित दृष्टिकोण के जरिये 20 लाख युवाओं को एआई पर प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है। देश में हर साल 15 लाख स्नातक इंजीनियरों में से 17 प्रतिशत तमिलनाडु के होते हैं जो किसी भी राज्य के मुकाबले सर्वाधिक हैं।