ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री ने कहा है कि उसे GST की दर 18 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 फीसदी करने पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन यह कर प्रतिस्पर्द्धा में शामिल होने की प्रवेश राशि पर न लगाकर कुल कमाई (Gross revenue) पर लगाया जाना चाहिए।
ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े पक्षों का कहना है कि अगर प्रतिस्पर्द्धा प्रवेश राशि पर 28 फीसदी की दर से माल एवं सेवा कर (GST) लगाने का फैसला जीएसटी परिषद की बैठक में लिया जाता है तो 2.2 अरब डॉलर के आकार वाले इस उद्योग पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
ऐसी चर्चाएं हैं कि GST परिषद की आगामी बैठक में ऑनलाइन गेमिंग गतिविधियों की कुल राशि पर 28 फीसदी की दर से कर लगाने पर विचार किया जाएगा। फिलहाल गेमिंग की कुल कमाई पर कर लगता है और उसकी दर 18 फीसदी है।
जीजीआर वह शुल्क होता है जो कौशल आधारित ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म अपने उपभोक्ता से सेवा शुल्क के रूप में वसूलता है। वहीं प्रतिस्पर्द्धा प्रवेश राशि (CEA) गेमिंग मंच पर किसी प्रतिस्पर्द्धा का हिस्सा बनने के लिए दिया जाने वाला शुल्क होती है।
Games24x7 के सह- मुख्य कार्यपालक अधिकारी त्रिविक्रम थंपी ने कहा, “एक उद्योग के तौर पर हम इस बात को लेकर एकजुट हैं कि GST को पहले की तरह गेमिंग से हुई कुल कमाई पर ही लगाया जाना चाहिए न कि प्रतिस्पर्द्धा प्रवेश राशि पर। कुल कमाई पर दर को 28 फीसदी करने से ही सरकार को मिलने वाले कर राजस्व में करीब 55 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो जाएगी।”
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री इस बोझ को तो सह लेगा लेकिन अगर प्रवेश राशि पर 28 फीसदी की दर से GST लगाया जाता है तो बढ़े हुए कर बोझ को उपभोक्ताओं पर डालना पड़ेगा। इससे ग्राहक आधार खोने और गैर-कानूनी गेमिंग बाजार को बढ़ावा मिलने का खतरा पैदा होगा।
GST के मामलों में निर्णय लेने का अधिकार रखने वाली GST परिषद की बैठक 17 दिसंबर को होने की संभावना है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग के अलावा कसीनो (Casino) एवं घुड़दौड़ (Horse race) पर भी कर लगाने के मुद्दे पर विचार किया जाएगा।
डिजिटल वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के वरिष्ठ निदेशक (लोक नीति एवं कंपनी मामले) सुमंत डे ने कहा कि कुल कमाई पर GST लगाने की मांग भारत में इस इंडस्ट्री की प्रगति एवं विकास के लिए एक अहम कदम है। उन्होने कहा कि ऐसा नहीं होने पर ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।