लघु उद्योगों को चालू कलेंडर वर्ष से काफी उम्मीदें हैं। फिनटेक लेंडर नियोग्रोथ की रिपोर्ट के अनुसार उपभोक्ता मांग बढ़ने और देश में अनुकूल कारोबारी माहौल के चलते 10 में से 9 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को आशा है कि वे वर्ष 2024 में लाभ अर्जित करेंगे।
रिपोर्ट में जिन एमएसएमई से बात की गई, उनमें से अधिकांश ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम स्किल इंडिया जैसी तमाम सरकारी योजनाओं से उन्हें काफी लाभ हुआ है।
नियोग्रोथ की रिपोर्ट के अनुसार 60 फीसदी एमएसएमई ने 2023 के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल कर लिए हैं। सभी क्षेत्रों में सक्रिय एमएसएमई में हर दस में से छह का कहना था कि उन्हें 2024 में अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी।
होलसेल अथवा ट्रेडिंग सर्विस सेक्टर सबसे अधिक ऋण की जरूरत महसूस कर रहा है। इस वर्ष कंपनियां ऐसे ऋणदाताओं को अधिक पसंद कर रही हैं, जो ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए जल्द से जल्द ऋण उपलब्ध करा दें।
रिपोर्ट में यह बात भी सामने आई है कि 44 फीसदी एमएसएमई इस वर्ष और कर्मचारियों की भर्ती करना चाहती हैं, जबकि 18 प्रतिशत अपने कर्मचारियों की संख्या घटाना चाहती हैं। मुंबई की न्योग्रोथ कंपनी ने 25 शहरों के लगभग 3000 उद्यमियों से बात कर यह रिपोर्ट तैयार की है।
नियोग्रोथ के प्रबंधन निदेशक और सीईओ अरुण नायर ने कहा, ‘भारत के विकास में लघु उद्योगों की महत्वपूर्ण भूमिका है। हम उनकी कारोबारी जरूरतों को पूरा करने के लिए समय पर पूंजी उपलब्ध कराने से पीछे नहीं हटेंगे।’