वर्ल्ड टेलीकम्युनिकेशन स्टैंडर्डाइजेशन असेंबली (डब्ल्यूटीएसए 2024) ने डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) पर भारत के 2 प्रमुख प्रस्तावों को स्वीकार कर लिया है। इंटरनैशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (आईटीयू) अब इन क्षेत्रों मानकीकरण को प्राथमिकता देगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दोनों विषयों पर जोर दिया था। आईटीयू, सूचना और संचार तकनीक पर संयुक्त राष्ट्र की विशेषीकृत एजेंसी है।
भारत भी इसमें शामिल है। यह संस्था अपने मानकीकरण कार्यक्रम की योजना बनाने के लिए हर 4 साल में डब्ल्यूटीएसए का आयोजन करती है। गुरुवार को समाप्त हुए आयोजन में डब्ल्यूटीए ने मौजूदा दिशानिर्देश की समीक्षा व संशोधन किया है और अन्य 6 नए प्रस्तावों पर सहमत हुआ है, जिन्हें भारत का समर्थन प्राप्त है।
भारत ने वैश्विक निकाय पर विशेष रूप डीपीआई के प्रति केन्द्रित दृष्टिकोण अपनाने को लेकर दबाव डाला था। डीपीआई तकनीकों का संग्रह है, जो ऋण और विपणन तक पहुंच सहित महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक और निजी सेवाएं प्रदान करने के लिए अंतर-संचालन, खुलेपन और समावेशन को बढ़ावा देता है। भारत के प्रमुख डीपीआई पेशकश में आधार, यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) और सरकार द्वारा संचालित अन्य सेवाएं शामिल हैं।