facebookmetapixel
Delhi Pollution: दिल्ली बनी गैस चेंबर! AQI 425 पार, कंपनियों ने कहा – ‘घर से ही काम करो!’Tata का Power Stock देगा मोटा मुनाफा! मोतीलाल ओसवाल का BUY रेटिंग के साथ ₹500 का टारगेटपिछले 25 वर्षों में राजधानी दिल्ली में हुए 25 धमाकेNPS, FD, PPF या Mutual Fund: कौन सा निवेश आपके लिए सही है? जानिए एक्सपर्ट सेसोने में फिर आने वाली है जोरदार तेजी! अक्टूबर का भाव भी छूटेगा पीछे – ब्रोकरेज ने बताया नया ऊंचा टारगेटसिर्फ एक महीने में 10% उछले रिलायंस के शेयर! ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लो, अब ₹1,785 तक जाएगा भाव!टाटा मोटर्स CV के शेयर 28% प्रीमियम पर लिस्ट, डिमर्जर के बाद नया सफर शुरूक्या आपका डिजिटल गोल्ड अब खतरे में है? एक्सपर्ट ने दी राय – होल्ड करें या कैश आउट करें?Groww IPO: ₹114 पर लिस्टिंग के बाद 5% चढ़ा शेयर, बेच कर निकल लें या लॉन्ग टर्म के लिए करें होल्ड?Gold and Silver Price Today: सोना-चांदी आज भी हुए महंगे! गोल्ड 1,24,400 रुपये के करीब; सिल्वर 1,55,600 रुपये के स्तर पर

वर्क प्लेस को नया आकार दे रहे हैं कॉरपोरेट, एआई का भी खूब कर रहे हैं उपयोग

एशिया-पैसिफिक में कॉर्पोरेट्स अपने कार्यस्थलों को हाइब्रिड, समावेशी, सस्टेनेबल और एआई-सक्षम बनाकर कर्मचारी अनुभव और गुणवत्ता बढ़ा रहे हैं

Last Updated- November 11, 2025 | 2:00 PM IST
Corporate Workplaces and AI Content
Representative Image

संपत्ति सलाहकार फर्म कॉलियर्स की नवीनतम रिपोर्ट “2026 एशिया पैसिफिक वर्कप्लेस इनसाइट्स” के अनुसार कॉर्पोरेट व्यवसायी एशिया प्रशांत क्षेत्र में अपने वर्क प्लेस को नया आकार देने के लिए साहसिक कदम उठा रहे हैं। जिसके तहत वे गुणवत्ता में निवेश कर रहे हैं, हाइब्रिड मॉडल अपना रहे हैं और विविध कार्यबल की जरूरतों को पूरा करने के लिए समावेशी रणनीतियों की खोज कर रहे हैं।  20 प्रतिशत कंपनियां कर्मचारी अनुभव बढ़ाने के लिए एआई टूल्स का उपयोग कर रही हैं।
यह रिपोर्ट 800 से ज्यादा कॉर्पोरेट व्यवसायियों के दृष्टिकोण पर आधारित है। रिपोर्ट के अनुसार, हाइब्रिड कार्य, समावेशी रणनीतियां, कर्मचारी आवश्यकता पूर्ति, स्थिरता को अपनाना और तकनीकी दक्षता, एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख ऑफिस मार्केट में कार्यस्थल क्रांति में सबसे आगे रहने की संभावना है। दिलचस्प बात यह है कि भारतीय ऑफिस मार्केट पहले से ही अन्य मार्केट की तुलना में समावेशिता और स्थिरता को ज़्यादा प्राथमिकता देता है।

एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारतीय ऑफिस मार्केट  तेजी से हो रहा है विकसित

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का ऑफिस मार्केट न केवल बढ़ रहा है, बल्कि रियल एस्टेट की गुणवत्ता और कर्मचारी अनुभव के मामले में भी तेजी से विकसित हो रहा है। बदलती जरूरतों के जवाब में डेवलपर्स विश्व स्तरीय कार्यस्थल बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसमें स्वास्थ्य-संचालित डिजाइन, स्थिरता सुविधाऐं, सहयोगी क्षेत्र और तकनीक-सक्षम बुनियादी ढाँचा शामिल है। वैश्विक व्यापार सुस्ती के बावजूद भारत के शीर्ष सात शहरों में ग्रेड ए ऑफिस स्पेस की मांग मजबूत बनी हुई है और यह 2025 तक 7 करोड़ वर्ग फुट को छूने की ओर अग्रसर है। नई आपूर्ति भी लगभग 6 करोड़ वर्ग फुट के करीब होने की संभावना है। मजबूत मांग और प्रीमियम वाणिज्यिक विकास की उपलब्धता के परस्पर प्रभाव से किराये में वृद्धि जारी है, जिससे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे गतिशील ऑफिस मार्केट में से एक के रूप में भारत की स्थिति मजबूत हो रही है।

कॉलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक ( ऑफिस सर्विस) अर्पित महरोत्रा भारतीय ऑक्यूपायर स्पष्ट रूप से स्थिरता की ओर बढ़ रहे हैं और गुणवत्ता की ओर एक स्पष्ट रुझान दिखाई दे रहा है, जो 2026 और उसके बाद कार्यस्थल विकास के अगले चरण को गति प्रदान करेगा। आगामी ग्रेड ए आपूर्ति के 80 फीसदी से अधिक के ग्रीन सर्टिफाइड होने की उम्मीद के साथ पर्यावरणीय लक्ष्यों के प्रति उद्योग की प्रतिबद्धता सराहनीय है। हालांकि जहां ग्रीन सर्टिफिकेशन एक मानक बन रहे हैं, वहीं व्यापक ईएसजी लक्ष्यों की पूर्ति एक महत्वपूर्ण निगरानी योग्य विषय बनी हुई है। इस बीच फ्लेक्सिबल कार्यस्थलों का उदय हो रहा है, जो ऑक्युपायर की ऑफिस वापसी के नियमों को मजबूत करने के साथ फ्लेक्सिबल कार्यस्थल रणनीति का केंद्र बिंदु बना हुआ है। कॉलियर्स  इंडिया के राष्ट्रीय निदेशक और अनुसंधान प्रमुख विमल नादर ने कहा कि फ्लेक्स स्पेस ने खुद को भारत के ऑफिस परिदृश्य के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में स्थापित कर लिया है, जो हाइब्रिड कार्य मॉडल और रिटर्न-टू-ऑफिस जनादेश का समर्थन करता है। अगले कुछ वर्षों में ग्रेड-ए ऑफिस मांग का लगभग 20 प्रतिशत इन्ही से आएगा।

रिपोर्ट की अन्य मुख्य बातें

• एपीएसी के 48 प्रतिशत संगठन वर्कप्लेस क्वालिटी और कर्मचारी अनुभव पर निवेश बढ़ा रहे हैं। इनमें से 26 फीसदी पिछले 12 महीने में कर चुके हैं और 22 फीसदी आगामी साल में करने वाले हैं।
• 47 प्रतिशत कंपनियां हाइब्रिड मॉडल पर काम करती हैं, लेकिन अधिकांश में अभी भी अटेंडेंस मैनडेट और फिक्स्ड सीटिंग लागू है।
• 2030 तक पांच पीढ़ियां एक साथ कार्यस्थलों में होंगी। भारत (44 प्रतिशत) और फिलीपींस में इस विविधता के लिए तैयारी सबसे ज़्यादा है।
• कर्मचारियों को ऑफिस आने के लिए सबसे ज्यादा प्रेरित करने वाला कारण सामाजिक जुड़ाव और टीम कनेक्शन (27 प्रतिशत) है।
• 67 प्रतिशत भारतीय कंपनियां सस्टेनेबिलिटी के लिए मकानमालिकों के साथ साझेदारी कर रही हैं।
• 20 प्रतिशत कंपनियां कर्मचारी अनुभव बढ़ाने के लिए एआई टूल्स का उपयोग कर रही हैं।
कोलियर्स एशिया पैसिफिक के एमडी माइक डेविस के अनुसार, “आने वाले सालों में वही संगठन आगे निकलेंगे जो रणनीति, डिजाइन और तकनीक को एकसाथ जोड़कर कर्मचारियों के अनुभव को सर्वोपरि रखेंगे।”  उन्होंने कहा कि आज और कल के कार्यस्थल केवल इस बारे में नहीं हैं कि लोग कहां बैठते हैं, बल्कि इस बारे में भी हैं कि कार्यस्थल प्रदर्शन और अनुभव को कैसे प्रभावित करता है। रणनीति, डिज़ाइन और तकनीक को एक साथ लाने वाले संगठन सफलता को गति देंगे और ऐसे कार्यस्थल तैयार करेंगे जो लोगों को सशक्त बनाएं और दीर्घकालिक मूल्य प्रदान करें। इसके अलावा, जहां प्रमुख बाज़ारों में निवेश और इरादे मज़बूत होने की संभावना है।

First Published - November 11, 2025 | 2:00 PM IST

संबंधित पोस्ट