हाल में घोषित इंडियाएआई मिशन के तहत केंद्र सरकार गैर-व्यक्तिगत डेटा संग्रह प्लेटफॉर्म विकसित करेगी, जो भारतीय स्टार्टअप और कंपनियों के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगा। केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मंत्री ने तिरुवनंतपुरम में संवादादाता सम्मेलन को संबांधित करते हुए कहा ‘एआई के लिए डेटा सेट कच्चा माल होता है और इसलिए एक ऐसा गैर-व्यक्तिगत डेटा संग्रह प्लेटफॉर्म होगा, जो केवल भारतीय स्टार्टअप और कंपनियों के लिए उपलब्ध होगा, विदेशी कंपनियों के लिए नहीं।’
उन्होंने यह भी कहा कि एआई मिशन स्वदेशी आधार वाले मॉडल के विकास की सुविधा प्रदान करेगा, जो स्थानीय भारतीय भाषाओं और डेटासेट पर आधारित होंगे। उन्होंने कहा ‘हम अपने स्वयं के भारतीय आधार वाले मॉडल विकसित करेंगे।
दुनिया चैटजीपीटी और ऑपनएआई के बारे में बात कर रही है। हमारी अपनी भाषाओं और हमारे अपने भारतीय डेटासेट के आधार पर हम उम्मीद करते हैं कि भारत के एआई मिशन के परिणामस्वरूप हमारे पास ऐेसे स्वतंत्र एआई मॉडल होंगे, जो भारत में डिजाइन और निर्मित किए जाएंगे।’
उन्होंने बताया कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम करने वाली भारतीय स्टार्टअप कंपनियों की वित्तीय सहायता के लिए 2,000 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के जरिये एआई में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पांच वर्षों के लिए 10,372 करोड़ रुपये के व्यय के साथ इंडियाएआई मिशन को मंजूरी दी थी।