संसद ने आज दो महत्त्वपूर्ण धन विधेयकों को मंजूरी दे दी, जिससे रकम दांव पर लगवाने वाले ऑनलाइन गेम, कसीनो और घुड़दौड़ क्लबों पर 28 फीसदी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने का रास्ता साफ हो गया। इनमें शुरुआती दांवों की समूची राशि पर 28 फीसदी कर लगेगा।
ऑनलाइन गेमिंग और पैसों से खेले जाने वाले यानी ऑनलाइन मनी गेमिंग में अंतर स्पष्ट करते हुए धन विधेयक में विदेशी गेमिंग ऑपरेटरों को कर के दायरे में लाने के भी इंतजाम किए गए हैं। इसके तहत विदेशी ऑनलाइन गेमिंग ऑपरेटरों का जीएसटी पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश विधेयक में कहा गया है कि विदेश से ऑनलाइन मनी गेम खिलवाने वालों को सरलीकृत पंजीकरण योजना के जरिये भारत में पंजीकरण कराना होगा। विधेयक में यह भी कहा गया है कि पंजीकरण और कर भुगतान के प्रावधान नहीं मानने की सूरत में किसी भी कंप्यूटर में तैयार होने वाली, उससे भेजी जाने वाली, उसमें आने वाली और उसमें मौजूद जानकारी तक पहुंच खत्म कर दी जाएगी।
विधेयक में यह भी कहा गया है कि ऐसी सेवाएं देने वाला यदि देश में स्वयं मौजूद नहीं है या उसका प्रतिनिधि भी नहीं है तो उस प्लेटफॉर्म की ओर से एकीकृत जीएसटी जमा करने के लिए करयोग्य क्षेत्र में किसी की नियुक्ति करनी होगी।
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 और एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2023 जीएसटी परिषद के हालिया फैसले के मुताबिक ही हैं। इस फैसले में नया कर कानून 1 अक्टूबर से लागू करने की बात है। राज्यों को भी राज्य जीएसटी कानून में इसी प्रकार का संशोधन करना होगा।
विधेयक में ऑनलाइन गेमिंग, ऑनलाइन मनी गेमिंग, आपूर्तिकर्ता की परिभाषा स्पष्ट की गई है और ऐसी गतिविधियों की कर देनदारी के संबंध में स्पष्टता के लिए कार्रवाई योग्य दावों को निर्दिष्ट किया गया है।
विधेयक में कहा गया है कि ऑनलाइन गेमिंग का मतलब इंटरनेट या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर चलने वाले गेम से है, जिनमें पैसों से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम भी शामिल हैं। ऑनलाइन मनी गेमिंग को कार्रवाई योग्य विशेष दावे के रूप में शामिल किया गया है और अब इसे सट्टेबाजी, कसीनो, लॉटरी, घुड़दौड़ की तरह माना जाएगा।
ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म के मामले में 28 फीसदी जीएसटी दांव वाले खेलों पर ही लागू होगा, मनोरंजन के मकसद से दी जा रही सेवाओं पर नहीं। विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि ऑनलाइन मनी गेमिंग वह है, जिसमें खिलाड़ी गेम, स्कीम या स्पर्धा जैसे किसी आयोजन में जीतने की उम्मीद से पैसे देता है या जमा कराता है या उसके बराबर कीमत की वर्चुअल डिजिटल संपत्ति दांव पर लगाता है। नतीजा चाहे किस्मत पर निर्भर हो या खिलाड़ी के कौशल पर इसे मनी गेम ही माना जाएगा।
शार्दूल अमरचंद मंगलदास ऐंड कंपनी में पार्टनर रजत बोस ने कहा, ‘आभासी डिजिटल संपत्तियों को इसमें शामिल करने का मकसद हर तरह की संपत्ति (क्रिप्टो, डिजिटल या असली) को कर के दायरे में लाना है और क्रिप्टोकरेंसी आदि में लेनदेन कर जीएसटी से बचा नहीं जा सकता है।’
11 जुलाई को जीएसटी परिषद ने ऑनलाइन गेमिंग पर ऊंचा कर लगाने का निर्णय किया था। परिषद के इस निर्णय की उद्योग ने आलोचना की। बाद में 2 अगस्त की बैठक में परिषद ने उद्योग को कुछ राहत देते हुए फैसला किया कि ऑनलाइन गेमिंग में जीती रकम दोबारा दांव पर लगाई जाए तो उस पर दोबारा कर नहीं वसूला जाएगा। परिषद ने निर्णय किया कि प्रत्येक गेमिंग सेशन में शुरुआत में लगाए गए कुल दांव पर ही कर लगेगा और हर राउंड में जीती रकम आगे दांव पर लगाने पर उस पर कर नहीं लगाया जाएगा।