सेवा गतिविधियों में तेजी से विस्तार के कारण निजी क्षेत्र का आउटपुट फरवरी तक के छह माह के दौरान सबसे तेजी से बढ़ा। एचएसबीसी के फ्लैश पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) के शुक्रवार को जारी सर्वे के मुताबिक कुल बिक्री के अंतिम आंकड़ों से मजबूत वृद्धि का संकेत मिलता है। इसने कंपनियों को अपनी क्षमता के ज्यादा इस्तेमाल और नियुक्तियां बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
भारत के विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में संयुक्त मासिक बदलाव का आकलन करने वाले एसऐंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित डेटा के मुताबिक पीएमआई फरवरी मे बढ़कर 60.6 हो गया जबकि इसके जनवरी के अंतिम आंकड़े 57.7 थे। यह लगातार 43वें महीने 50 से अधिक है। इस सूचकांक में 50 से ज्यादा स्तर वृद्धि को दिखाता है।
सर्वे के मुताबिक, ‘यह दर दीर्घावधि औसत वृद्धि की दर से कहीं अधिक थी। विनिर्माताओं की तुलना में सेवा प्रदाताओं ने तेजी से वृद्धि दर्ज की थी और यह एक वर्ष के दौरान सबसे मजबूत वृद्धि थी।’
विनिर्माण क्षेत्र में फ्लैश पीएमआई नए ऑर्डर, उत्पादन, रोजगार, आपूर्ति किए जाने वाले सामान और इन्वेंटरी के स्तर का समग्र आकलन होता है। इससे संकेत मिल रहा है कि विनिर्माण पीएमआई के ज्यादा घटक जनवरी में ढलान की ओर रहे।
सर्वे के मुताबिक, ‘फैक्टरी ऑर्डर तेजी से बढ़े, हालांकि जनवरी की तुलना में इसकी गति धीमी रही। यह सुस्ती आमतौर पर प्रतिस्पर्धी दबाव के कारण थी। दूसरी तरफ, सेवा प्रदाताओं ने अगस्त 2024 के बाद से नए बिजनेस में तेजी से इजाफे का स्वागत किया। समग्र स्तर पर वृद्धि दर छह माह के उच्च स्तर पर रही।’
निर्यात के मोर्चे पर भारत के निजी क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में वस्तु एवं सेवा मुहैया करा रही कंपनियों की वैश्विक मांग के कारण स्थिति बेहतर हुई। समग्र रूप से देखा जाए तो नए निर्यात ऑर्डर सात महीनों में सबसे तेजी से बढ़े।