देश में करीब 90 प्रतिशत वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) अगले दो से तीन आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल) और कॉग्निटिव कंप्यूटिंग की क्षमता का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं। एएनएसआर की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
भारत में स्थापित नए जीसीसी रणनीतिक रूप से नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक स्तर पर संगठनात्मक दक्षता बढ़ाने के लिए तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों क्षमताओं को आगे बढ़ाने पर केंद्रित हैं। ये जीसीसी जनरेटिव एआई (जेनएआई), एआई/एमएल, डेटा एनालिटिक्स और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में क्षमताओं को बढ़ाते हुए प्रतिभा और प्रौद्योगिकी विकास को प्राथमिकता दे रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि तीन-चौथाई से अधिक नए जीसीसी एआई/एमएल, डेटा एनालिटिक्स, रोबोटिक प्रोसेस ऑटोमेशन और क्लाउड जैसी नवीन तकनीकी क्षमताओं का लाभ उठाते हुए ‘उत्कृष्टता केंद्र’ के रूप में अपनी भूमिकाओं में महत्वपूर्ण कारोबारी लक्ष्यों को सक्षम करते हैं।
कॉर्पोरेट मुख्यालय के विस्तार के रूप में काम करते हुए जीसीसी नई प्रौद्योगिकियों के निर्बाध कार्यान्वयन के लिए ‘सैंडबॉक्स’ के रूप में काम करते हैं, जहां नवीन विचारों का परीक्षण और परिष्करण किया जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस माहौल में नई प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन के लिए योजनाओं की व्यवस्थित रूप से कल्पना की जा सकती है, कड़ाई से परीक्षण किया जा सकता है और उन्हें उद्यम के व्यापक रणनीतिक ढांचे में एकीकृत किया जा सकता है।