टावर प्रबंधन कंपनी इंडस टावर्स के निदेशक मंडल ने 5.67 करोड़ इक्विटी शेयरों की पुनर्खरीद को मंजूरी दे दी । इसके बाद भारती एयरटेल की इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी हो जाएगी। इंडस टावर्स ने शेयर बाजार को यह जानकारी दी है।
कंपनी ने 27 अगस्त को देर रात एक सूचना में कहा कि इसके परिणामस्वरूप इंडस टावर्स लिमिटेड कंपनी अधिनियम, 2013 के प्रावधानों के तहत भारती एयरटेल लिमिटेड की सहायक कंपनी बन जाएगी। फिलहाल भारती एयरटेल के पास इंडस टावर्स में 48.95 प्रतिशत हिस्सेदारी है जो बढ़कर 50.05 प्रतिशत हो जाएगी।
इंडस टावर्स ने 14 अगस्त को 465 रुपये प्रति शेयर की दर पर शेयरों की पुनर्खरीद शुरू की है। इसकी कुल राशि 2,639.9 करोड़ रुपये है। ये 5.67 करोड़ शेयर चुकता शेयर पूंजी में इक्विटी शेयरों की कुल संख्या के लगभग 2.1 प्रतिशत के बराबर है। इस पुनर्खरीद की अंतिम तिथि 21 अगस्त थी। बीएसई में बोलियों का निपटान पूरा करने का आखिरी दिन बुधवार था।
इस नए ऐलान के बाद दोनों कंपनियों के शेयरों के दाम बढ़ गए। इंडस टावर्स का भाव 1.34 प्रतिशत बढ़कर 443.8 रुपये पहुंच गया जबकि भारती एयरटेल के भाव में पिछले दिन की तुलना में 2.21 प्रतिशत की मजूबती आई और यह बढ़कर 1,558 रुपये हो गया।
जून में ब्रिटेन की दिग्गज दूरसंचार कंपनी वोडाफोन पीएलसी ने बड़े सौदे में इंडस टावर्स में 48.47 करोड़ शेयर या 18 प्रतिशत की भारी-भरकम हिस्सेदारी बेची थी और 15,300 करोड़ रुपये जुटाए थे। विश्लेषकों ने कहा था कि जहां इस आय से वोडाफोन समूह के मौजूदा ऋणदाताओं को भुगतान किया जाना था वहीं इंडस टावर्स को खुद 4,250 करोड़ रुपये से कम का लाभ हुआ।
इस शेयर बिक्री के बाद इंडस टावर्स में वोडाफोन की हिस्सेदारी घटकर 3.1 प्रतिशत रह गई जो पहले 21.5 प्रतिशत थी। इस बीच भारती एयरटेल ने इंडस टावर्स में 2.895 करोड़ शेयर या एक प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की थी।