देश की सबसे बड़ी सूचीबद्ध होटल श्रृंखला इंडियन होटल्स कंपनी (आईएचसीएल) ने वित्त वर्ष 2026 की अप्रैल-जून तिमाही में शानदार प्रदर्शन किया और बुकिंग में दबाव और भू-राजनीतिक समस्याओं के बावजूद अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखी। स्थिर घरेलू यात्रा और कमरों की दरों में मजबूती के दम पर, कंपनी ने दो अंक में राजस्व वृद्धि दर्ज की। कंपनी को उम्मीद है कि संरचनात्मक कारकों और क्षमता विस्तार के सहारे यह गति पूरे वर्ष बनी रहेगी। हालांकि, पिछले एक साल में शेयर में पहले ही 31 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है जिससे मूल्यांकन संबंधी चिंताएं गहरा गई हैं।
समेकित आधार पर बिक्री एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले 32 फीसदी बढ़ी, क्योंकि उसे प्रति उपलब्ध कमरा राजस्व में 11 फीसदी तक की तेजी आने से मदद मिली। औसत कमरा किराया (एआरआर) 12 प्रतिशत बढ़ा, जबकि ऑक्यूपेंसी अनुपात सालाना आधार पर मामूली 90 आधार अंक की गिरावट के साथ 74.3 प्रतिशत रहा। ऑपरेशन सिंदूर (भारत-पाकिस्तान संघर्ष), उड़ान संबंधित व्यवधानों और मई तथा जून के दौरान वैश्विक तनावों के कारण बुकिंग रद्द होने की तुलना में वृद्धि की रफ्तार अच्छी रही। ताजसैट्स (कंपनी की इन-फ्लाइट कैटरिंग इकाई) के प्रभाव को छोड़कर (जिसका इस तिमाही में समेकन किया गया था) राजस्व वृद्धि 13 प्रतिशत रही, जो आंशिक रूप से कम आधार से प्रभावित हुई।
इन प्रतिकूल परिस्थितियों की वजह से होटल राजस्व वृद्धि में 2-2.5 प्रतिशत की कमी आई और परिचालन लाभ में 3-4 प्रतिशत की गिरावट आई। फिर भी, परिचालन लाभ में सालाना आधार पर 28 प्रतिशत का इजाफा हुआ, हालांकि कर्मचारियों के वेतन संशोधन के कारण मार्जिन में 80 आधार अंक की गिरावट आई। ताजसैट्स का राजस्व में 14 प्रतिशत और समेकित परिचालन लाभ में 10 प्रतिशत का योगदान रहा।
शादियों के व्यस्त सीजन, मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस, एग्जीबिशन (एमआईसीई) की लगातार मांग और अंतरराष्ट्रीय कारोबार में तेजी ने पहली तिमाही के नतीजों को बेहतर बनाया। लेकिन आगे चलकर सबसे ज्यादा चिंता की बात यह है कि प्रमुख व्यावसायिक केंद्रों में कमरों की आपूर्ति सीमित है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक अमित कुमार के अनुसार अगले पांच वर्षों में नई आपूर्ति में सालाना 5 प्रतिशत से भी कम की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे आईएचसीएल को कीमतों पर दबाव डाले बिना ही अतिरिक्त कमरों को अपने अंदर समायोजित करने में मदद मिलेगी।
कंपनी वित्त वर्ष 2026 में 500 नए कमरे जोड़ रही है और उसने इस साल करीब 1,200 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा है। कंपनी को उम्मीद है कि उसकी दो अंक की राजस्व वृद्धि दर को सख्त
मांग-आपूर्ति गतिशीलता, आध्यात्मिक पर्यटन और बढ़ती एमआईसीई गतिविधि से दीर्घावधि समर्थन मिलेगा।
विदेशी पर्यटकों के आगमन से इसमें और ज्यादा इजाफा हो सकता थी, लेकिन समकक्ष स्थलों की तुलना में भारत में ऊंचे एआरआर और चल रहे मौजूदा भू-राजनीतिक टकराव के कारण इस क्षेत्र से मांग कम रह सकती है।
मांग में बदलाव को ध्यान में रखते हुए आईएचसीएल ने अगले पांच साल के दौरान 20,000 होटल कमरे जोड़ने की योजना बनाई है, जिनमें 82 फीसदी कमरों का प्रबंधन 143 होटलों में किया जाएगा। यह मार्च 2025 तक 249 होटलों में 27,072 कमरों की तुलना में 75 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
हालांकि कंपनी ने अच्छा प्रदर्शन किया है, फिर भी एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने ऊंचे मूल्यांकन को ध्यान में रखते हुए इस शेयर पर ‘घटाएं’ रेटिंग बरकरार रखी है और कीमत लक्ष्य 725 रुपये रखा है। इसके विपरीत, कोटक सिक्योरिटीज ने 2024-25 और 2027-28 के बीच 25 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान जताया है जबकि वित्त वर्ष 2028 और 2029-30 के बीच 16 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया है।
मुर्तुजा अर्सीवाला के नेतृत्व वाली ब्रोकरेज फर्म के विश्लेषकों का कहना है, ‘मूल्यांकन आकर्षक हैं, लेकिन कमाई का अनुमान मजबूत है और आईएचसीएल भारत के आतिथ्य क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी है, जिसकी मिड-टु-प्रीमियम सेगमेंट में अच्छी उपस्थिति है और बिजनेस तथा लीजर डेस्टिनेशन, दोनों में उपस्थिति है।’ ब्रोकरेज फर्म ने ~850 के संशोधित कीमत लक्ष्य के साथ ‘बढ़ाएं’ रेटिंग दी है।