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IBM के एमडी संदीप पटेल ने कहा, आगे चलकर ‘बहुत मजबूत भारत’ की कहानी दिखेगी

Last Updated- May 28, 2023 | 10:49 PM IST
IBM India

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता के बीच प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी आईबीएम को भारत में मंदी के संकेत नहीं दिख रहे हैं। आईबीएम इंडिया के प्रबंध निदेशक संदीप पटेल ने पीरजादा अबरार के साथ बातचीत में कहा कि प्रतिभा चयन के लिए मध्य और छोटे स्थानों में सॉफ्टवेयर लैबोरेटरी और वितरण केंद्रों की स्थापना करते हुए फर्म भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। उन्होंने भविष्य में काम पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के असर के बारे में भी बात की। संपादित अंश :

हम देख रहे हैं कि प्रौद्योगिकी कंपनियां हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं। इसमें भारत किस स्थान पर आता है?

हमें भारत में मंदी के कोई संकेत नहीं दिखाई दिए हैं। जब आप नैशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर ऐंड सर्विस कंपनीज और हमारे अपने सकल घरेलू उत्पाद के अनुमानों की रिपोर्ट का अध्ययन करते हैं, तो जरूरी नहीं कि भारत में उस स्तर की नरमी दिखाई दे। अगर आप डिजिटल की दिशा में बढ़ने का लक्ष्य बनाएं, तो भारत के लिए उज्ज्वल संभावनाएं दिखती हैं। वह बजट दे​खिए, जो सरकार ने बुनियादी ढांचे के लिए आवंटित किया है। बुनियादी ढांचे में इस दिशा में जाने के लिए खासी तकनीकी अपनाने की जरूरत होगी।

क्या भारत में आईबीएम में कोई छंटनी होने वाली है?

भर्ती पर कोई पूर्ण विराम नहीं है। राजस्व पैदा करने वाली भूमिकाओं पर पूरा ध्यान केंद्रित करने के साथ इस बारे में हम सतर्क और विचारशील रहे हैं कि हम किस तरह से भर्ती करते हैं। आईबीएम डॉट कॉम पर जाने से उपलब्ध अवसरों का पता चलेगा।
भारत में हमने भर्तियों को नहीं रोका है। हमने मध्य और छोटे शहरों पर ध्यान केंद्रित किया है, जहां हमने सॉफ्टवेयर लैब खोली हैं और आगे भी ऐसा करना जारी रखेंगे। हम इन अनुसंधान प्रयोगशालाओं और वैश्विक वितरण केंद्रों के जरिये सॉफ्टवेयर विकास जारी रखे हुए हैं। भारत में हमारे पास काम करने वाले जो लोग हैं, उनमें यह सब भर्तियां जुड़ रही हैं।

आईबीएम द्वारा मध्य/छोटे शहरों में दस्तक देने के क्या कारण हैं?

महज जाकर नए ठिकाने तलाशने का इराद नहीं था। ब​ल्कि वहां प्रतिभा और क्षमता है, जिसमें वृद्धि हो रही है और इनमें से कुछ मध्य/छोटे शहरों में उपलब्ध हैं। हमने हाल ही में इन स्थानों पर सॉफ्टवेयर लैब खोली हैं। हम उन्हें यूं ही कहीं भी नहीं खोल देते, ब​ल्कि हमारा बहुत सारा वैश्विक सॉफ्टवेयर विकास वहीं होता है। हमने अहमदाबाद, गांधीनगर और कोच्चि में सॉफ्टवेयर लैब की शुरुआत की। इसके अलावा हमने भुवनेश्वर और मैसूरु में अपने वितरण केंद्र खोले हैं। हम लगातार ऐसे उभरते क्षेत्रों पर नजर रख रहे हैं। हम उन्हें तीन दृष्टिकोणों से देखते हैं – प्रतिभा की उपलब्धता, बुनियादी ढांचा और उस क्षेत्र में उभरते तंत्र का लाभ उठाने की क्षमता।
मिसाल के तौर पर हमने अपनी सॉफ्टवेयर लैब के लिए कोच्चि और अहमदाबाद को चुना है, क्योंकि हमारे कुछ वै​श्विक सिस्टम इंटीग्रेटर साझेदारों की वहां मौजूदगी थी या जड़ें जमाने की योजना थी।
आईबीएम इंडिया, आईबीएम कॉरपोरेशन का लघु रूप है। यहां हमारी सॉफ्टवेयर लैब, हार्डवेयर सिस्टम लैब और अनुसंधान लैब हैं। और फिर हमारे पास हमारे वितरण केंद्र हैं। ये सभी भारत में विकास करते रहेंगे। हम इन उभरते हुए शहरों और अपने मुख्य परिचालन दोनों में ही विकल्पों पर नजर रखते रहेंगे।

आप कुछेक साल में भारत के एक लाख करोड़ डॉलर वाली डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य में आईबीएम की क्या भूमिका देखते हैं?

आईबीएम कई वर्षों से भारत के उद्यम पक्ष के भीतर तकनीकी संरचना का हिस्सा रहा है। मुझे लगता है कि आज सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों में से नौ बैंक आईबीएम सिस्टम पर चल रहे हैं, जिनमें आईबीएम सॉफ्टवेयर भी शामिल है।
दो प्रमुख दूरसंचार कंपनियां आईबीएम सिस्टम पर काम करती हैं। मुझे लगता है कि दो-तिहाई दूध उत्पादन और आपूर्ति आईबीएम सिस्टम में हो रही है। कई सारे खुदरा कारोबार आईबीएम द्वारा संचालित एआई मॉडल से हो रहे हैं।

First Published - May 28, 2023 | 10:49 PM IST

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