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हैदराबाद एयरपोर्ट का होगा मेगा विस्तार, ₹14,000 करोड़ की निवेश योजना में नया टर्मिनल और रनवे शामिल

हैदराबाद एयरपोर्ट देश का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। हाल में वर्षों में वहां यात्रियों की आवाजाही काफी बढ़ी है।

Last Updated- June 18, 2025 | 11:53 PM IST
Airport
प्रतीकात्मक तस्वीर

जीएमआर हैदराबाद इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (जीएचआईएएल) ने तेलंगाना की राजधानी में राजीव गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट (आरजीआईए) के बड़े विस्तार के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपये की पूंजीगत व्यय योजना तैयार की है। इस योजना को वित्त वर्ष 2031 तक लागू किया जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड को प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसमें मौजूदा टर्मिनल की क्षमता बढ़ाना, एक नया टर्मिनल एवं दूसरा रनवे बनाना, सड़क एवं मेट्रो कनेक्टिविटी में सुधार करना और पार्किंग एवं कार्गो इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करना शामिल है।

हैदराबाद एयरपोर्ट देश का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। हाल में वर्षों में वहां यात्रियों की आवाजाही काफी बढ़ी है। यात्री यातायात वित्त वर्ष 2018 में 1.83 करोड़ से 7.1 फीसदी वार्षिक चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) के साथ बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में 2.95 करोड़ हो चुका है। जीएचआईएएल ने कहा कि इस वृद्धि के कारण हवाई अड्डा को सालाना 3.4 करोड़ यात्री की मौजूदा डिजाइन क्षमता के करीब ला दिया है।

जीएचआईएएल ने एक आंतरिक दस्तावेज में मौजूदा टर्मिनल को 47 एमपीपीए (मौजूदा 34 एमपीपीए से) तक विस्तारित करने और उत्तरी परिसर में अतिरिक्त 20 एमपीपीए क्षमता वाले एक नए टर्मिनल का निर्माण शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। इसे दूसरे रनवे और दो टर्मिनलों को जोड़ने वाले एक एलिवेटेड क्रॉस-टैक्सीवे से जोड़ा जाएगा।

नए टर्मिनल और रनवे के निर्माण की समय-सीमा करीब 3 साल रखी गई है। उत्तरी हिस्से पर काम वित्त वर्ष 2027 में शुरू और सितंबर 2029 तक उसे तैयार करने का प्रस्ताव है। नए टर्मिनल का विस्तार यातायात को ध्यान में रखते हुए वि​भिन्न चरणों में किया जाएगा। नया रनवे 3,800 मीटर लंबा और पहली श्रेणी के इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम से लैस होगा। इससे विमानों को कम दृश्यता की स्थिति में भी सुरक्षित लैंडिंग करने में मदद मिलेगी। रनवे पर करीबी नजर रखने के लिए पीएपीआई और एसएमआर जैसे उन्नत नेविगेशन उपकरणों को भी लगाया जाएगा।

कंपनी ने बताया कि वाइडबॉडी विमानों को संभालने के लिए डिजाइन किया गया क्रॉस-टैक्सीवे को हवाई अड्डे तक पहुंचने वाली मुख्य सड़क से ऊपर उठाया जाएगा और वह उत्तरी एवं दक्षिणी हवाई क्षेत्रों को जोड़ते हुए 650 मीटर तक फैला होगा। जीएचआईएएल ने इस संबंध में जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया।

बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जो दस्तावेज देखी है उसे एयरपोर्ट्स इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी के लिए तैयार किया गया है जो विमान लैंडिंग एवं पार्किंग शुल्क और यूजर डेवलपमेंट शुल्क आदि का निर्धारण करता है। मौजूदा टर्मिनल को सालाना 3.4 करोड़ यात्रियों को संभालने के लिहाज से डिजाइन किया गया है। रनवे पर प्रति घंटे 42 विमानों की आवाजाही के लिए मंजूरी दी गई है मगर वह पीक समय के दौरान आम तौर पर करीब 36 विमानों को संभालता है। बेहतर संचालन क्षमता और नियामकीय मंजूरी से रनवे को हर घंटे 46-47 विमानों की आवाजाही के लिए तैयार किया जा सकता है।

निवेश योजना के तहत एक नए टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा जो करीब 2,25,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में होगा। वह घरेलू यातायात को संभालेगा, मगर उसे अंतरराष्ट्रीय परिचालन के लिहाज से तैयार किया जाएगा। दस्तावेज के अनुसार नए टर्मिनल भवन एवं अन्य बुनियादी ढांचे के निर्माण की लागत करीब 5,843 करोड़ रुपये होगी।

मौजूदा टर्मिनल भवन को 47 एमपीपीए तक विस्तारित करने पर 427 करोड़ की लागत आएगी। इसमें 9 कोड सी विमान स्टैंड को जोड़ना शामिल है जिनका उपयोग एयरबस ए320 जैसे छोटे विमानों के लिए किया जाता है। इसके अलावा एक कोड ई स्टैंड को भी जोड़ा जाएगा जो बोइंग 777 जैसे बड़े विमानों को संभाल सकता है।

First Published - June 18, 2025 | 11:17 PM IST

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