एचएसबीसी इंडिया का 2024 में कर पूर्व मुनाफा 1.68 अरब डॉलर रहा है, जो एक साल पहले के 1.51 अरब डॉलर की तुलना में करीब 11.27 फीसदी ज्यादा है। वेल्थ और पर्सनल बैंकिंग सेग्मेंट, वाणिज्यिक बैंकिंग और ग्लोबल बैंकिंग व मार्केट्स में लाभ के कारण ऐसा हुआ है।
वेल्थ और पर्सनल बैंकिंग सेग्मेंट से मुनाफा 9.6 करोड़ डॉलर रहा, जबकि ग्लोबल बैंकिंग ऐंड मार्केट से 87.5 करोड़ डॉलर मुनाफा हुआ है। वाणिज्यिक बैंकिंग से मुनाफा 44.8 करोड़ डॉलर और कॉरपोरेट सेंटर से कुल मुनाफा 26.9 करोड़ डॉलर रहा है। मुनाफे के हिसाब से एचएसबीसी इंडिया, ब्रिटेन और हॉन्गकॉन्ग से थोड़ा पीछे है। मुख्य चीन और कनाडा में एकमुश्त लाभ और सहयोगियों के लाभ के कारण मुनाफे में वृद्धि हुई है। कुल मिलाकर लंदन मुख्यालय वाले बैंक का 2024 में कर पूर्व मुनाफा 32.3 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल से 2 अरब डॉलर ज्यादा है।
साल 2024 में बैंक को कनाडा में बैंकिंग कारोबार समेटने से 4.8 अरब डॉलर का फायदा हुआ था। वहीं अर्जेंटीना में कारोबार समेटने से 1 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। विदेशी मुद्रा भंडार और अन्य भंडार की रिसाइक्लिंग से 5.2 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।
बैंक ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा है, ‘भारत में कर पूर्व मुनाफा 1.7 अरब डॉलर रहा है। हमारा लक्ष्य कॉरपोरेट आपूर्ति श्रृंखलाओं का लाभ उठाकर अपनी थोक फ्रैंचाइज को बढ़ाना जारी रखना है।’ जनवरी 2025 में एचएसबीसी इंडिया को 20 शाखाएं खोलने को मंजूरी मिली है, यह किसी विदेशी बैंक को एक दशक में इस तरह की सबसे बड़ी मंजूरी है।
इन 20 अतिरिक्त शाखाओं के साथ एसएसबीसी की देश में कुल शाखाएं 46 हो जाएंगी। एचएसबीसी की 2016 में देश में 50 शाखाएं थीं, जब उसने 26 शाखाएं बंद करने का फैसला किया था। नई शाखाएं खोलना बैंक की रणनीति में बदलाव का साफ संकेत है।