चार्टर्ड अकाउंटेंट और संस्थापक मीना गोयल के हालिया LinkedIn पोस्ट ने Infosys और भारतीय आईटी इतिहास में AI से जुड़े एक अहम मोड़ पर बहस फिर से शुरू कर दी है। गोयल ने बताया कि Infosys के सह-संस्थापक एन. आर. नारायण मूर्ति और पूर्व सीईओ विशाल सिक्का के बीच हुए नेतृत्व विवाद ने कंपनी की AI रणनीति और नवाचार की गति को धीमा कर दिया। इस टकराव के कारण भारत को वैश्विक AI दौड़ में अग्रणी बनने का मौका गंवाना पड़ा।
आइए, जानते हैं इस मामले के बारे में-
गोयल के अनुसार, 2015 में विशाल सिक्का ने Infosys को एक AI-फर्स्ट कंपनी बनाने का साहसी कदम उठाया। उनका लक्ष्य था ऑटोमेशन, एडवांस सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और AI में निवेश करना। Infosys ने $1 बिलियन OpenAI में निवेश करने की योजना बनाई थी, जिसमें ईलॉन मस्क, सैम ऑल्टमैन और Amazon Web Services जैसे वैश्विक नाम भी शामिल थे। सिक्का का मानना था कि AI भविष्य में कारोबार और सॉफ्टवेयर के काम करने के तरीके को बदल देगा।
लेकिन एन. आर. नारायण मूर्ति ने पारंपरिक तरीके और जोखिम को देखते हुए इस योजना पर सवाल उठाए। वे पगार संरचना, कॉर्पोरेट कल्चर और बड़े निवेश के खतरों को लेकर चिंतित थे।
इस असहमति के चलते सिक्का को इस्तीफा देना पड़ा, जिससे Infosys की तकनीकी दिशा में बदलाव आया और AI के क्षेत्र में भारत के हाथ से बड़ा मौका छूट गया।
गोयल ने कहा कि Infosys ने शुरुआत में OpenAI में $1 बिलियन निवेश का वादा किया था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया। आज वही निवेश लगभग $45 बिलियन का हो चुका होता। जबकि वैश्विक तकनीकी कंपनियों ने AI में और निवेश बढ़ाया, भारतीय आईटी कंपनियां ज्यादातर लागत और कर्मचारियों पर ध्यान देती रहीं, और AI में नेतृत्व का मौका खो दिया।
गोयल का कहना है, “अगर मूर्ति और सिक्का का दृष्टिकोण मेल खाता, तो Infosys न केवल अपनी, बल्कि भारत की AI में वैश्विक स्थिति भी तय कर सकता था।”
इस घटना ने यह सवाल भी उठाया कि भारतीय आईटी कंपनियों को क्या पुराने बिजनेस मॉडल पर निर्भर रहना चाहिए या भविष्य की तकनीकों में जोखिम लेकर नेतृत्व करना चाहिए।
While serving as the CEO of Infosys, Mr. Vishal Sikka advocated for an #investment in OpenAI in 2015.
He also began exploring the idea of “productizing” #Infosys. However, his forward-thinking approach was not well received by Mr. Narayan “Indians must work 80 hours a week”… pic.twitter.com/dLdhK8uzR2
— Rajiv Mehta (@rajivmehta19) September 8, 2025
आईटी कंपनी इन्फोसिस ने मंगलवार (23 सितंबर) को स्विट्जरलैंड की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी Sunrise के साथ अपने रणनीतिक लंबे समय के सहयोग को बढ़ाने की घोषणा की। इसका मकसद IT ट्रांसफॉर्मेशन को तेज करना है।
इस विस्तार के तहत इन्फोसिस Sunrise को एक मजबूत, आधुनिक, तेज और सुरक्षित तकनीकी आधार बनाने में मदद करेगा। इससे ग्राहक अनुभव बेहतर होगा, संचालन में लचीलापन आएगा और भविष्य की तैयारियों में आसानी होगी।
यह साझेदारी दोनों कंपनियों की ग्राहक-केंद्रित नवाचार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसमें IT बदलाव, डेटा सुरक्षा, संचालन में लचीलापन और भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस्तेमाल पर खास ध्यान दिया जाएगा।