देश की सबसे बड़ी FMCG कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) का शुद्ध लाभ मार्च 2023 में समाप्त तिमाही के दौरान 12.8 फीसदी बढ़ गया। मगर ग्रामीण मांग में सुधार होने के बावजूद कंपनी का नतीजा बाजार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। तिमाही के दौरान ग्रामीण बाजारों में मात्रा के लिहाज से FMCG उद्योग की बिक्री नकारात्मक बनी रही। मगर इस दौरान HUL के 4 फीसदी अधिक उत्पाद बिके। तिमाही के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ 12.8 फीसदी बढ़कर 2,600 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 2,304 करोड़ रुपये रहा था। इस दौरान राजस्व 10.5 फीसदी बढ़कर 15,215 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2023 में HUL का कुल कारोबार 58,154 करोड़ रुपये रहा।
यूनिलीवर के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) एलन जोप ने वैश्विक नतीजे जारी करने के बाद निवेशकों से बातचीत में कहा, ‘भारत के नतीजे को होमकेयर श्रेणी के शानदार प्रदर्शन से बल मिला। ग्रामीण बाजारों में खपत लगातार कमजोर रहने के कारण पैदा हुई चुनौतियों के बावजूद हमारा प्रदर्शन बेहतर रहा।’
HUL के मुख्य वित्तीय अधिकारी ऋतेश तिवारी ने कहा कि मुद्रास्फीति धीरे-धीरे कम हो रही है मगर दीर्घावधि औसत के मुकाबले जिंस के दामों में तेजी बनी हुई है। उन्होंने कहा, ‘FMCG बाजार की वृद्धि रफ्तार धीरे-धीरे सुधर रही है क्योंकि ग्रामीण बाजार की नरमी कम हो रही है। मात्रा के लिहाज से FMCG बाजार की कुल बिक्री में पहले गिरावट दिख रही थी, लेकिन अब वह स्थिर दिखने लगी है। ग्रामीण बाजार की मात्रात्मक बिक्री में गिरावट की रफ्तार भी कम हुई है।’
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HUL के प्रबंध निदेशक (MD) एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) संजीव मेहता ने कहा कि मात्रात्मक बिक्री में कमी पहले से घटी है। उन्होंने कहा कि पूरे साल के लिहाज से ग्रामीण बाजार की मात्रात्मक बिक्री में 7 फीसदी की गिरावट आई मगर मार्च तिमाही के दौरान इसमें 3 फीसदी की ही गिरावट दर्ज की गई। इससे बिक्री में सुधार का संकेत मिलता है।
मेहता ने कहा, ‘यदि देश में प्रगति होती है तो ग्रामीण बाजार में वृद्धि की रफ्तार शहरों के मुकाबले अधिक होनी चाहिए क्योंकि उसका आधार कम है। आज ऐसा नहीं हो रहा है, लेकिन कोविड के दौरान ऐसा हुआ था। सब महंगाई पर निर्भर करता है। जब आपका बटुआ छोटा हो जाएगा तो महंगाई का असर कहीं ज्यादा दिखेगा। ग्रामीण बाजार में मात्रात्मक बिक्री नहीं बढ़ने का मुझे कोई कारण नहीं दिखता।’
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यूनिलीवर के CFO ग्रीम पिकेथली ने कहा, ‘भारत में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में मात्रा के लिहाज से बिक्री कुछ कम दिखी है। महंगाई में तेजी बनी हुई है मगर गिरावट का रुख दिख रहा है। इसलिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी अब धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।’ तिवारी ने कहा कि पिछले दो साल के दौरान जिंसों की महंगाई घटी है। उन्होंने कहा, ‘यदि हम दो साल के लिहाज से गौर करें तो हमें जिंस की महंगाई कम दिखेगी। दो साल के दौरान जिंस मुद्रास्फीति 30 फीसदी रही थी जबकि मार्च में शुद्ध मुद्रास्फीति 12 फीसदी रही।’
मेहता ने कहा कि कंपनी स्पष्ट तौर पर मानती है कि जिंसों के दाम घटेंगे तो उसका लाभ ग्राहकों तक पहुंचाया जाएगा।