Hindenburg vs Adani Saga: हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह पर नया आरोप लगाते हुए दावा किया है कि स्विस अधिकारियों ने अदाणी समूह के लगभग 31 करोड़ डॉलर (करीब 2600 करोड़ रुपये) को स्विस बैंकों में फ्रीज कर दिया है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी के अनुसार, यह कार्रवाई अदाणी समूह के खिलाफ चल रही मनी लॉन्ड्रिंग और जालसाजी के मामलों की जांच के तहत की गई है। हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि स्विस क्रिमिनल कोर्ट के रिकॉर्ड में दिखाया गया है कि अदाणी समूह के एक सहयोगी ने बीवीआई, मॉरीशस और बरमूडा के फंडों में निवेश किया था, जो लगभग पूरी तरह से अदाणी के शेयरों पर केंद्रित थे।
हालांकि, अदाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनका किसी भी स्विस कोर्ट की कार्यवाही से कोई संबंध नहीं है।
अदाणी ग्रुप ने जारी किया बयान
अदाणी ग्रुप के प्रवक्ता ने स्पष्ट रूप से इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा, “हम इन बेबुनियाद आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हैं। अदाणी समूह का किसी भी स्विस कोर्ट कार्यवाही में कोई संबंध नहीं है, और न ही किसी प्राधिकरण द्वारा हमारे किसी भी खाते को जब्त किया गया है। इसके अलावा, कथित आदेश में कहीं भी हमारी समूह कंपनियों का उल्लेख नहीं है, और न ही हमें किसी भी प्राधिकरण या नियामक निकाय से कोई स्पष्टीकरण या जानकारी मांगी गई है।”
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प्रवक्ता ने आगे कहा कि समूह की विदेशी होल्डिंग संरचना पूरी तरह पारदर्शी, उजागर और सभी प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप है। अदाणी समूह ने इन आरोपों को “हास्यास्पद, अव्यवहारिक और बेतुका” करार दिया है। उन्होंने कहा, “यह हमारी प्रतिष्ठा और बाजार मूल्य को नुकसान पहुंचाने के लिए एक सुनियोजित प्रयास है, जो कुछ खास लोगों द्वारा मिलकर किया जा रहा है।”
अदाणी समूह ने दोहराया कि वह पारदर्शिता और सभी कानूनी और नियामक आवश्यकताओं के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। प्रवक्ता ने इस तरह की रिपोर्ट को प्रकाशित न करने का आग्रह करते हुए कहा, “यदि आप इस कहानी को प्रकाशित करने का निर्णय लेते हैं, तो कृपया हमारे बयान को पूरा शामिल करें।”
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हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों का अदाणी समूह के शेयरों पर पड़ा था असर
पिछले साल हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद अदाणी समूह के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई थी। 2023 की शुरुआत में, हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर टैक्स हैवन देशों का उपयोग करके बाजार नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। इसके परिणामस्वरूप समूह की सभी कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई और समूह के प्रमुख, गौतम अदाणी की निजी संपत्ति में भी भारी कमी दर्ज की गई। हालांकि, समय के साथ अदाणी समूह ने इस झटके से धीरे-धीरे वापसी की।