धातु निर्माता हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (Hindalco Industries) ने मार्च 2024 को समाप्त हुई तिमाही (वित्त वर्ष 24 की चौथी तिमाही) के दौरान अपने समेकित लाभ में 31.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। कम लागत और बेहतर प्राप्तियों की बदौलत लाभ में इजाफा हुआ है। कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने यह भी कहा कि हिंडाल्को भारत में महत्वपूर्ण खनिज खदानों की संभावना भी खंगालेगी।
समीक्षाधीन तिमाही के दौरान हिंडाल्को ने 3,174 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया, जो एक साल पहले के मुकाबले 31.6 प्रतिशत अधिक है।
कंपनी ने कहा कि लाभ में यह वृद्धि सभी कारोबारी श्रेणियों में दमदार प्रदर्शन और बेहतर मार्जिन के कारण हुई। इस दौरान राजस्व 55,994 करोड़ रुपये पर सपाट रहा जो एक साल पहले 55,857 करोड़ रुपये था।
हिंडाल्को ने शेयर बाजार के अनुमानों को मात दे दी। ब्लूमबर्ग के सर्वेक्षण में 11 विश्लेषकों ने 53,959 करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान लगाया था और 12 विश्लेषकों ने 2,799 करोड़ रुपये की समायोजित शुद्ध आय का अनुमान लगाया था।
पिछली तिमाही की तुलना में हिंडाल्को का शुद्ध लाभ 36.2 प्रतिशत और राजस्व छह प्रतिशत बढ़ा। कंपनी ने कहा कि तिमाही के दौरान एबिटा 7,201 करोड़ रुपये रहा, जो इनपुट की कम लागत और अधिक वॉल्यूम के कारण पिछले साल की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक रहा।
नतीजों के बाद मीडिया के साथ संवाद में कंपनी के प्रबंध निदेशक सतीश पई ने यह भी कहा कि हिंडाल्को ने महत्वपूर्ण खनिजों की नीलामी के हालिया दौर में तांबे की खदान हासिल की है।
उन्होंने कहा कि कंपनी महाराष्ट्र और कर्नाटक में दो अन्य खदानों – निकल और कोबाल्ट के लिए भाग लेने की प्रक्रिया में है। शीर्ष अधिकारी ने कहा कि कंपनी देश में महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियों पर ध्यान केंद्रित करेगी, न कि देश के बाहर संपत्तियों की तलाश करेगी।
पई ने कहा हिंडाल्को ने लिथियम खदान की नीलामी में भी भाग लिया, लेकिन अंतिम दौर में उसे हासिल नहीं कर पाई। निजी उपभोग के लिए कोयला खदानों के संबंध में कंपनी की रणनीति पर टिप्पणी करते हुए पई ने कहा कि हिंडाल्को किसी भी नई कोयला खदान के लिए बोली नहीं लगाएगी।